भारतीय बासमती चावल का भारतीय व्यंजनों में विशेष महत्व है। यह चावल बिरयानी, पुलाव, और अन्य कई व्यंजनों का मुख्य घटक है, जिसे इसकी खास खुशबू और स्वाद के कारण विश्व भर में पसंद किया जाता है। इसकी वैश्विक मान्यता ने भारतीय खाद्य संस्कृति की अनूठी विविधता और समृद्धि को विश्व स्तर पर प्रस्तुत किया है। भारत में उत्पादित होने वाला बासमती चावल प्रीमियम क्वालिटी का सुगंधित चावल होता है, जिसकी दुनियाभर में मांग रहती है।
भारतीय बासमती चावल बना विश्व का सर्वश्रेष्ठ चावल
चावल निर्यात में भारत ने वैश्विक स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने के बाद, फूड और ट्रेवल गाइड ‘टेस्ट एटलस’ (Taste Atlas) ने विश्व का सर्वश्रेष्ठ चावल की टॉप-6 किस्मों में भारतीय बासमती राइस को ‘बेस्ट राइस इन द वर्ल्ड’ चुना है। इसके बाद, इटली की अरबोरियो किस्म को दूसरा और पुर्तगाल की एरोज कारोलीना डास लेजीरियस रीबातेजानस किस्म को तीसरा स्थान मिला है। वियतनाम की राइस पेपर किस्म चौथे स्थान पर और जापान की उरुचिमाई चावल किस्म पांचवे स्थान पर है। फ्रांस की राइस रिज डे कमार्गे किस्म छठे स्थान पर है।
भारत में बासमती चावल की किस्में
बासमती चावल की खेती हिमालय की तराई में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में की जाती है। भारत में बासमती की कई किस्में मौजूद हैं, जैसे कि बासमती 217, बासमती 370, टाइप 3 (देहरादूनी बासमती), पंजाबी बासमती 1, पूसा बासमती 1, कस्तूरी, हरियाणा बासमती 1, माही सुगंध, तराओरी बासमती (HBC 19 / करनाल लोकल), रणबीर बासमती, बासमती 386 आदि।
वैश्विक पहचान और प्रतिस्पर्धा
भारत, पाकिस्तान, और बांग्लादेश जैसे देश बासमती चावल के प्रमुख उत्पादक हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत हर साल बासमती का निर्यात करके करीब 6.8 अरब डॉलर कमाता है, वहीं पाकिस्तान में यह आंकड़ा 2.2 अरब डॉलर है। 2023-24 वित्त वर्ष में, भारत दुनिया का सबसे बड़े चावल निर्यातक बन गया है, जबकि विश्व के चावल में से 40.8 फीसदी भारत द्वारा निर्यात किए गए हैं। भारत चावल निर्यात के मामले में वैश्विक स्तर पर नंबर एक स्थान पर है। दुनियाभर में बासमती चावल निर्यात के मामले में 65 फीसदी भारत निर्यात करता है, जबकि 35 फीसदी पाकिस्तान निर्यात करता है। बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग के कारण बासमती चावल का निर्यात लगातार बढ़ रहा है। 2021-22 और 2023-24 के अप्रैल-अगस्त अवधि के बीच, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चावल के व्यापार में 71 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। इस अवधि में चालू वित्त वर्ष में बासमती का निर्यात 18,310.35 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। 2022-23 की में 18.75 एलएमटी की शिपिंग के साथ 15,452.44 करोड़ रुपये का बासमती चावल निर्यात हुआ। इसी तरह, 2021-22 में, भारत ने 17.02 लाख मीट्रिक टन बासमती चावल का निर्यात किया, जिससे 10,690.03 करोड़ रुपये की आय हुई।
भारतीय बासमती चावल की यह उपलब्धि न केवल एक उत्पाद के रूप में इसकी उत्कृष्टता को दर्शाती है, बल्कि भारतीय संस्कृति, विरासत, और कृषि की गहराई और समृद्धि को भी प्रकट करती है। यह उपलब्धि विश्व भर में भारतीय खाद्य पदार्थों के प्रति जिज्ञासा और रुचि को बढ़ावा देती है, साथ ही भारतीय किसानों और खाद्य उद्योग के लिए नए अवसर भी खोलती है।
अभी हमने भारत के बासमती चावल व्यापार के परिदृश्य को समझा। यदि आप एक बासमती चावल के व्यापारी हैं तो हम आपको एक एप्लिकेशन के बारे में बता रहे हैं जिससे आप भारत के किसी भी क्षेत्र से अपने बासमती चावल को बेहतर मूल्य पर बेच सकते हैं। इस एप्लिकेशन का नाम है ‘बीजक व्यापार’। इसके ‘प्राइस ट्रेंड’ फीचर के माध्यम से आप पिछले कुछ दिनों के रेट बदलाव को देख सकते हैं, जिससे आप अपने व्यापार के लिए सही निर्णय ले सकते हैं। तो बिना किसी देरी के जल्दी से ‘बीजक व्यापार’ ऐप को डाउनलोड करें।
हम उम्मीद करते हैं कि यह ब्लॉग आपको पसंद आया होगा। हमारे अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए अभी ‘बीजक ब्लॉग’ चेक करें। आपके सवाल और सुझाव कमेंट के माध्यम से हमें बताएं और हमारे सोशल मीडिया हैंडल्स को जरूर फ़ॉलो करें।