भारत के टॉप 10 चावल उत्पादक राज्यों के बारे में जानें

भारत के टॉप 10 चावल उत्पादक राज्यों के बारे में जानें

भारत में चावल उत्पादन देश की कृषि अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो लाखों लोगों को जीविका प्रदान करता है और देश के निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान देता है। विभिन्न तरह के मौसम और उपजाऊ मिट्टी के कारण भारत में चावल की खेती के लिए उत्तम परिस्थितियाँ हैं। इस ब्लॉग में हम भारत में चावल उत्पादन का सीज़न, टॉप 10 चावल उत्पादक राज्य और राज्य अनुसार पाई जाने वाली किस्मों के बारे में जानेंगे।

भारत का चावल उत्पादन का सीज़न

भारत में चावल की खेती मानसून चक्र के अनुसार होती है। चावल की बुआई का मौसम जून में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होता है और जुलाई के अंत तक चलता है। मानसून शुरूआती फसल के अंकुरण और तेज़ विकास के लिए उचित मिट्टी की नमी सुनिश्चित करता है। बुआई के दौरान, किसान खेतों को तैयार करते हैं और पानी से भरे धान के खेतों में चावल के नए पौंधों की रोपाई करते हैं। चावल के पौधों का रोपण आम तौर पर जुलाई से अगस्त तक होता है और चावल के पौधे मानसून की बारिश से मिलने वाली गीली परिस्थितियों में पनपने लगते हैं। जैसे-जैसे मानसून का मौसम ख़त्म होता जाता है, चावल के पौधे परिपक्व होने लगते हैं और दानों से भर जाते हैं। चावल की किस्म और क्षेत्र के आधार पर कटाई अक्टूबर और नवंबर के बीच होती है।

भारत का चावल उत्पादन

भारत का चावल उत्पादन वित्तीय वर्ष 1980 में 53.6 मिलियन टन था और वित्तीय वर्ष 2020-21 तक वह बढ़कर 120 मिलियन टन यानि की 1200 लाख टन हो गया। वर्ष 2022-23 के दौरान चावल का कुल उत्‍पादन 1308.37 लाख टन अनुमानित है। भारत के प्रमुख चावल उत्पादन वाले राज्यों में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पंजाब शामिल हैं। ये सभी राज्य भारत का 72% चावल उत्पादन करते हैं। आज हम आपको भारत के टॉप 10 चावल उत्पादन करने वाले राज्यों के बारे में बता रहे हैं।

भारत के टॉप 10 चावल उत्पादक राज्यों के बारे में जानें

भारत के टॉप 10 चावल उत्पादक राज्य

पश्चिम बंगाल

भारत के चावल उत्पादन में सबसे ज़्यादा हिस्सा पश्चिम बंगाल का है। यह भारत के कुल चावल उत्पादन में 14% योगदान देता है। पश्चिम बंगाल के मिदनापुर, वर्धमान, बांका वीरभूमि, इन जिलों में सबसे ज्यादा चावल उगाया जाता है। पश्चिम बंगाल में किसान स्वर्णा, आईआर36 और सोना मसूरी जैसी किस्मों की खेती करते हैं, जिनकी स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हाई डिमांड है।

उत्तर प्रदेश
चावल की खेती में दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश राज्य है। उत्तर प्रदेश, अपने उपजाऊ गंगा के मैदानी इलाकों के साथ, भारत के चावल उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देता है। राज्य की कृषि विविधता और आधुनिक कृषि तकनीकों की उपलब्धता के कारण पूसा बासमती, सुगंधा और महसूरी जैसी उच्च उपज वाली चावल की किस्मों की व्यापक खेती होती है। उत्तर प्रदेश का भारत के कुल चावल उत्पादन में 10% हिस्सा है। बरेली, मुज्जफरनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर और फैजाबाद आदि जगहों में चावल की खेती होती है।

पंजाब

पंजाब भी बड़े पैमाने में चावल का उत्पादन करने वाला राज्य है। पंजाब में प्रतिवर्ष 12 मिलियन टन चावल उत्पादन होता है। इसलिए यह चावल उत्पादन में तीसरे स्थान पर आता है। पंजाब अपनी बासमती चावल की किस्मों, जैसे पूसा बासमती 1509 और 1121 के लिए मशहूर है।

तमिलनाडु
तमिलनाडु राज्य के करीब 28 जिलों में चावल का उत्पादन किया जाता है। तमिलनाडु का कावेरी नदी क्षेत्र चावल के उत्पादन के लिए जाना जाता है। यह दुनिया का सबसे पुराना चावल उत्पादन करने वाला क्षेत्र है। तमिलनाडु पोन्नी और सोना मसूरी जैसी उच्च गुणवत्ता वाली चावल की किस्मों के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।

भारत के टॉप 10 चावल उत्पादक राज्यों के बारे में जानेंआंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश भी भारत के प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों में से एक है। आंध्र प्रदेश में भारत की 22 प्रमुख किस्में उगाई जाती हैं। जिनमें सांबा माधुरी, समेल, सशरी, सरवानी, सांबा मसूरी, बीपीटी 5204 और एमटीयू 1010 जैसी कुछ प्रमुख किस्में है। आंध्र प्रदेश में कृष्णा पूर्व, गोदावरी और पश्चिम गोदावरी सबसे बड़े चावल उत्पादन क्षेत्र है।

बिहार

बिहार में चावल खपत बहुत ज़्यादा है। बिहार के 37 जिलों में चावल की खेती की जाती है। यहाँ प्रतिवर्ष 6400 हजार टन चावल उत्पादन होता है। सर्दियों में इस राज्य में धनलक्ष्मी, गौतम, रिछारिया, सरोज चावल उगाए जाते हैं, जबकि गर्मियों के दौरान गौतम पूसा-33, सीआर 44-35 (साकेत-4), पूसा-2-21, प्रभात (केवल 90 दिन की अवधि) उगाए जाते हैं।

छत्तीसगढ़

सातवें स्थान पर छत्तीसगढ़ राज्य है। छत्तीसगढ़ में 61 मेट्रिक टन चावल का उत्पादन होता है। चावल की खेती के लिए यहां अनुकूल मौसम रहता है। छत्तीसगढ़ के चाँपा, रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव और कोरबा के मैदानी क्षेत्रों में चावल की मुख्य रूप से खेती होती है।

उड़ीसा
उड़ीसा की अर्थव्यस्था मुख्यता कृषि पर निर्भर रहती है। उड़ीसा के 69% भू-भाग में चावल की खेती की जाती है। समुद्रीय तट पर स्थित होने के कारण इस राज्य में चावल के उत्पादन के लिए उचित मौसम पाया जाता है।

असम

चावल असम की मुख्य फसल है। असम के कुल 4.16 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में चावल की खेती होती है। असम में चावल की उत्पादकता प्रति हेक्टेयर 1700 किलोग्राम से अधिक है। असम में उगाए गए चावलों में खुशबू और कमाल का स्वाद आता है। यहां के चावलों की खूब मांग होती है। असम के जोहा चावल का विदेशों में निर्यात किया जाता है।

हरियाणा

हरियाणा के कुल 18 क्षेत्रों में चावल का उत्पादन किया जाता है। यहां का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 2,500 किग्रा से अधिक है। हरियाणा के कैथल, जींद, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर और सोनीपत में चावल की मुख्य रूप से खेती की जाती है।

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आज के ब्लॉग में हमने भारत के टॉप 10 चावल उत्पादक राज्य और उनमें पाई जानें वाली किस्मों के बारे में जाना। अगले ब्लॉग में हम भारत के चावल व्यापार के बारे में जानेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह ब्लॉग पसंद आया होगा। हमारे अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए अभी ‘बीजक ब्लॉग’ चेक करें। अपने सवाल और सुझाव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं और हमारे सोशल मीडिया हैंडल को ज़रूर फॉलो करें।