भारत ने लगाया गैर-बासमती चावल निर्यात पर प्रतिबंध

भारत ने लगाया गैर-बासमती चावल निर्यात पर प्रतिबंध

भारत में पिछले 12 महीनों में चावल की खुदरा कीमतों में 11.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले तीन महीने से चावल की कीमत लगातार बढ़ रही है। ऐसे में कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए भारत सरकार ने सख्त कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए बासमती छोड़ सभी चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। घरेलू सप्लाई बढ़ाने और खुदरा बाजार में कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी लगभग 25% है। वहीं दुनिया के कुल चावल निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 40% है। भारत के इस फैसले से अमेरिका समेत कई देशों पर असर पड़ा है।

भारत द्वारा चावल निर्यात पर प्रतिबंध की वजह

चावल मुख्यतः ख़रीफ़ की फसल है। किसान मानसून की पहली शुरुआत के दौरान ही बुआई शुरू कर देते हैं और भरपूर फसल के लिए वे वर्षा पर काफी निर्भर रहते हैं। एक ओर, हमारे उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी राज्यों में अत्यधिक वर्षा होती है। इस भारी बारिश ने पहले ही पंजाब और हिमाचल प्रदेश में चावल की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। वहीं दूसरी ओर पूर्वी और दक्षिणी राज्य अब भी औसत से 30 फीसदी कम बारिश का इंतजार कर रहे हैं। बारिश की अनियमितता के कारण धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है।

धान की पैदावार करने वाले प्रमुख राज्य जैसे कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु में कम बारिश के कारण धान की पैदावर प्रभावित हुई है। इस वजह से आने वाले दिनों में चावल की कमी और कीमतों में तेजी की आशंका को देखते हुए सरकार ने चावल के निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया, जिससे चावल की कीमत बढ़ सकती है। भारत में चावल की कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए केंद्र सरकार ने यह सख्त फैसला लिया है। बासमती चावल छोड़कर, सभी चावलों के निर्यात पर रोक लगा दी गई है।
भारत ने लगाया गैर-बासमती चावल निर्यात पर प्रतिबंध

भारत से चावल का निर्यात

भारत दुनियाभर में चावल के बड़े निर्यातकों में से एक है। पिछले साल भारत में 22 मिलियन टन चावल का निर्यात हुआ था लेकिन इस साल रशिया, यूक्रेन के साथ हुए काला सागर अनाज समझौते से बाहर आ गया है। एक तरफ रशिया का अनाज समझौते से बाहर आना और दूसरी तरफ भारत द्वारा गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगने से दुनियाभर में चावलों की कमी हो गई है, जिससे चावल के रेट बढ़ने की काफी संभावना है।
भारत ने लगाया गैर-बासमती चावल निर्यात पर प्रतिबंध

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