भारतीय मंडियों में कमीशन एजेंटों की भूमिका

भारतीय मंडियों में कमीशन एजेंट की भूमिका

कृषि मंडी व्यापार में जिस तरह से किसान, खरीदार और सप्लायर अहम होते हैं उसी तरह से कमीशन एजेंट का भी काफी महत्त्व होता है। किसानों और सप्लायर को अपनी उपज बेचने के लिए कमीशन एजेंट की मदद लेनी पड़ती है, और खरीदार को उपज खरीदने के लिए। पिछले ब्लॉग में हमने जाना था कि बीजक ऐप किस तरह से भारतीय मंडियों में खरीदारों और सप्लायर को जोड़ रही है। इस ब्लॉग में हम भारतीय मंडियों में कमीशन एजेंट की भूमिका के बारे में जानेंगे।

कमीशन एजेंट की भूमिका

कृषि मंडी व्यापार में कमीशन एजेंट को आढ़ती भी कहा जाता है। कृषि व्यापार काफी हद तक आढ़तियों पर निर्भर करता है। भारतीय मंडियों में आढ़ती पिछले 100 सालों से भी ज्यादा समय से काम कर रहे हैं। किसान या सप्लायर के मंडियों में फसल लाने के बाद, नीलामी से लेकर बिक्री तक की प्रक्रिया में कमीशन एजेंट का बड़ा हाथ होता है। वे फसल की क्वालिटी की गारंटी भी लेते हैं और खरीदार द्वारा फसल की पेमेंट होे जाने तक अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाते हैं। कमीशन एजेंट सक्रीय रूप से किसानों और खुदरा विक्रेताओं के बीच सौदा तय कराते हैं। हालांकि ऐसा करने के लिए उन्हें कमीशन मिलती है।

कमीशन एजेंट अपने ग्राहकों के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हैं। वे उपज पर अपना अधिकार नहीं रखते हैं बल्कि उसकी खरीद और बिक्री पर अलग-अलग पार्टियों से बातचीत करते हैं। वे कमीशन के रूप में अपनी सेवाओं की कीमत लेते हैं। मुख्य तौर पर कमीशन एजेंट थोक बाजार में काम करते हैं। वे एक मंडी में आने वाले खरीदार और सप्लायर के बीच की कड़ी बनते हैं और उनकी डील पक्की कराते हैं। एक कमीशन एजेंट आम तौर पर उपज की भौतिक हैंडलिंग को संभालता है, उसकी बिक्री की व्यवस्था करता है, उसकी नीलामी कराता है, खरीदार से कीमत वसूल करता है और अपने खर्च और कमीशन काट कर शेष राशि सप्लायर को सौप देता है।
भारतीय मंडियों में कमीशन एजेंट की भूमिका

कमीशन एजेंट के प्रकार

अनियमित बाजारों में कमीशन एजेंट या आढ़ती दो तरह के होते हैं, कच्चा आढ़ती और पक्का आढ़ती।

कच्चा आढ़ती
कच्चा आढ़ती वे होते हैं जो मुख्य रूप से किसानों और विक्रेताओं के लिए काम करते हैं। वे कभी-कभी किसानों और व्यापारियों को इस शर्त पर एडवांस पेमेंट देते हैं कि उनके उपज को वह ही आगे बेचें। कच्छा आढ़तिया एडवांस पेमेंट पर सामान्य ब्याज दर के अलावा कमीशन भी लेते हैं।

पक्का आढ़तिया
पक्का आढ़तिया वे होते हैं जो उपभोक्ता बाजार में व्यापारियों की ओर से काम करते हैं। उपभोक्ता बाजारों में प्रोसेसिंग करने वाली कंपनियां (चावल मिल, तेल मिल, कपास या जूट डीलर) और बड़े थोक व्यापारी पक्का आढ़तियों को एक निश्चित मूल्य सीमा के अंदर, निर्धारित मात्रा में माल खरीदने के लिए अपने एजेंट के रूप में नियुक्त करते हैं।

कमीशन एजेंट का कार्य

किसान मंडियों में अपनी उपज को कमीशन एजेंट (आढ़तिया) की एक विशेष जगह पर उतारते हैं। कमीशन एजेंट लाइसेंस प्राप्त डीलर होते हैं, जो स्थानीय बाजार समिति द्वारा अधिकृत होते हैं और किसान के एजेंट के रूप में कार्य करते हैं। वह किसान की फसल के प्रदर्शन, बुनियादी सफाई और छंटाई, नीलामी करने और किसानों को पेमेंट करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। एक एजेंट की आय APMC द्वारा निर्धारित कमीशन होती है। आम तौर पर, एक आढ़ती 50-100 किसानों के परिवारों के साथ जुड़ा होता है।

मंडी कमीशन एजेंट आवश्यकता के अनुसार माल की सफाई/ छंटाई करवाते हैं और उसकी नीलामी आयोजित करते हैं। नीलामी करने के लिए मंडी में एक अधिकारी नियुक्त होता है जिसे ‘दमी‘ या ‘नीलामकर्ता’ भी कहा जाता है। वह एक-एक करके सभी लॉट की नीलामी करता है। इच्छुक बोलीदाता मार्केट यार्ड प्लेटफॉर्म पर उपज के ढेर को घेरते हैं, उसका भौतिक रूप से निरीक्षण करते हैं और अपनी बोली लगाते हैं। ज़्यादा बोली लगाने वाला वह उपज जीत जाता है और अधिकारी अपने रजिस्टर में उस नीलामी का विवरण दर्ज कर लेते हैं। एक बार बोली पूरी हो जाने के बाद पेमेंट राशि की गणना करने के लिए माल को बैग में तौला जाता है और खरीदार के ट्रक में लोड कर दिया जाता है।

कमीशन एजेंट अपने ग्राहकों के लिए एक आस्थापना जैसे एक दुकान, एक गोदाम या एक विश्राम गृह रखते हैं। कुछ आढ़ती किसानों को ऋण भी देते हैं। वे मूलधन और ब्याज को आम तौर पर किसानों के पेमेंट में एडजेस्ट कर देते हैं। वे किसानों के उपज को एक साथ करके खरीदारों को बेचते हैं जिसकी वजह से किसानों को व्यक्तिगत रूप से खरीदारों से निपटना नहीं पड़ता है। इसके अलावा भी कमीशन एजेंट किसानों को कई सुविधाएं प्रदान करते हैं।
भारतीय मंडियों में कमीशन एजेंट की भूमिका

कमीशन एजेंटों द्वारा अपने ग्राहकों को प्रदान की जाने वाली सुविधाएं:

  • वे किसानों को फसल के अपेक्षित मूल्य का 40 से 50 प्रतिशत ऋण के रूप में एडवांस देते हैं ताकि वे अपने उत्पादन खर्चों को पूरा कर सकें।
  • वे किसानों के बैंकर के रूप में कार्य करते हैं। जब भी किसानों को धन की आवश्यकता होती है वे उन्हें ऋण भी देते हैं।
  • वे किसानों को उपकरण खरीदने और उत्पादों की बिक्री के लिए सलाह देते हैं।
  • वे किसानों को उनकी उपज को बाजार तक लाने के लिए खाली बैग प्रदान करते हैं।
  • जब किसान अपनी उपज की बिक्री के लिए बाजार आते हैं तो वे किसानों और उनके पशुओं को भोजन और आवास प्रदान करते हैं।
  • वे भंडारण सुविधा(स्टोरेज) प्रदान करते हैं और संग्रहीत उत्पाद के मूल्य का 75 प्रतिशत तक एडवांस पेमेंट देते हैं।
  • वे किसान की जरूरत पड़ने पर गांव से बाजार तक उपज के परिवहन की व्यवस्था करते हैं तथा वे व्यक्तिगत कठिनाइयों के समय में किसानों की मदद करते हैं।

बीजक कैसे किसान, खरीदार या कमीशन एजेंट की मदद कर सकता है?

बीजक के माध्यम से किसान, आढ़ती, खरीदार एवं सप्लायर एक ही जगह से पारदर्शिता के साथ व्यापार कर सकते हैं। इसके अलावा वे बीजक के साथ भारत भर के 30,000+ व्यापारियों के नेटवर्क से जुड़ सकते हैं। वे देश भर की 2000+ मंडियों से 200+ मंडी उत्पादों के मंडी रेट चेक कर सकते हैं। इतनाही ही वे बीजक के साथ अपने सप्लायर को पेमेंट करना 100% सुरक्षित, तेज और आसान है।

हम आशा करते हैं की इस ब्लॉग के माध्यम से आपको कमीशन एजेंट के बारे में मदद मिली होगी। आपके कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट्स के माध्यम से जरूर बताएं और हमारे वीकली ब्लॉग को पढ़ते रहें। बीजक से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए बीजक ऐप डाऊनलोड करें और बीजक के सोशल मीडिया हैंडल को फॉलो करना न भूलें।