भारत देश एक कृषिप्रधान देश है और टेक्नोलॉजी भारतीय कृषि क्षेत्र में एक अहम भूमिका निभा रही है। जहाँ मोबाइल ऐप, जीपीएस सपोर्ट और स्मार्ट मशीन जैसे तरीकों से जहाँ किसानों को अच्छी फसल लेने में सहायता मिल रही है वहीं कृषि व्यापार क्षेत्र में डिजिटल मंडी के माध्यम से कृषि मंडी व्यापारियों को अपने व्यापार में सहायता मिल रही है। कृषि क्षेत्र डिजिटाइजेशन (Digitization in the Indian Mandi) के कगार पर है।
कृषि क्षेत्र का डिजिटाइजेशन
पिछले कुछ सालों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, मशीन लर्निंग, क्लाइमेट-स्मार्ट एडवाइजरी, जियो-टैगिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी तकनीकों का उपयोग करते हुए आधुनिक तकनीक और डिजिटल मशीनरी की शुरुआत के साथ, कृषि क्षेत्र में निवेशकों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि दिख रही है। भारत में एग्रीटेक स्टार्टअप काफी अच्छे स्तर पर काम कर रहे हैं। COVID-19 के दौरान, किसानों में आवश्यक कृषि उत्पादों के व्यापार और अन्य मार्गदर्शक सेवाओं का लाभ उठाने की प्रवृत्ति बढ़ी है जिसके कारण एग्री तक स्टार्टअप को किसानों द्वारा अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। आइए जानें की कैसे एग्री टेक स्टार्टअप भारतीय कृषि क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं।
1. आय की वृद्धि:
पिछले कुछ दशकों में भारत में ज़्यादातर किसानों की स्थिति निराशाजनक रही है, जहाँ वे कम आय, बढ़ते कर्ज और एकल-फसल के कारण उत्पाद की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव की स्थिति से जूझ रहे हैं। एग्रीटेक स्टार्टअप किसानों को कमसे कम जगह में अपने मौजूदा संचालन में सशक्त बना रहे हैं। एग्रीटेक स्टार्टअप किसानों को बीज लगाने से लेकर उत्पाद बेचने तक और अपनी आय बढ़ाने, एवं मुनाफे में सुधार करने के लिए मदद कर रहे हैं।
2. कृषि मार्गदर्शन:
कई एग्रीटेक स्टार्टअप अपने ऐप विकसित किए हैं। जो भारतीय किसानों को उनकी फसलों के लिए सर्वोत्तम बीज और फर्टिलाइजर खरीदने में मदद करते है। ये ऐप उन्हें मौसम की जानकारी, पानी की जरूरतों का आकलन, उर्वरक उपयोग, कीट नियंत्रण आदि में भी मदद करते हैं।
3. जागरूकता:
ग्रामीण भारत में स्मार्ट फोन और इंटरनेट की बढ़ती पहुंच के कारण हाल ही में भारतीय एग्रीटेक इको-सिस्टम तेजी से बढ़ा है। इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के साथ एग्रीटेक स्टार्टअप कृषक समुदायों के बीच अपने ऐप या व्हाट्सऐप, फेसबुक द्वारा जागरूकता बढ़ा रहे हैं और उन्हें व्यापारियों, खुदरा विक्रेताओं एवं निर्यातकों के नेटवर्क से जोड़ रहे हैं जहाँ उनकी उपज के लिए बेस्ट कीमत मिलने के अवसर उपलब्ध हो।
4. वित्त प्रणाली में सुधार:
फिनटेक और एग्रीटेक स्टार्टअप के उदय के साथ देश का ऋण परिदृश्य बदल रहा है। कई किसान एवं मंडी व्यापारी अब औपचारिक संस्थानों से कम से कम ब्याज दरों पर ऋण प्राप्त कर रहे हैं। कृषि बीमा के साथ किसानों की फसलों को सुनिश्चित किया जा रहा है तो कृषि वित्त द्वारा किसानों और कृषि मंडी व्यापार के लिए लगने वाले वर्किंग कैपिटल को सुनिश्चित किया जा रहा है।
मंडियों का डिजिटाइजेशन
भारतीय मंडी क्षेत्र एक असंघटित क्षेत्र है सही जानकारी के अभाव के कारण किसान अपने उत्पादों के लिए उचित भाव नहीं जान पाते थे। अक्सर, किसानों को अपने उत्पाद कम दरों पर बेचने पड़ते थे या वे केवल उन चुनिंदा मंडियों में उपज बेचते थे जिनसे उनका पहले से संबंध था। खरीदार भी अक्सर मौजूदा सप्लायर या एफपीओ के साथ काम करते थे। जिसके कारण अन्य क्षेत्रों से उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला तक उनकी पहुंच को सीमित कर दिया था। खरीदारों के पास सही कीमत पर बेस्ट उत्पाद प्राप्त करने का मौका भी नहीं था। इससे बाहर निकलने के लिए मंडी व्यवस्था में डिजिटाइजेशन करने की ज़रुरत पड़ी।
भारत में साल 2016 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इलेक्ट्रॉनिक-राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) पोर्टल लॉन्च किया था। यह एक भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है, जो कृषि उत्पादों के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए मौजूदा APMC मंडियों को नेटवर्क करता है। इसे मौजूदा मंडियों को देश में कृषि उत्पादों के लिए ‘वन नेशन, वन मार्केट’ के रूप में एक सामान्य ऑनलाइन मार्केट प्लेटफॉर्म पर नेटवर्क करने के लिए लॉन्च किया गया था।
डिजिटल मंडी का मतलब एक डिजिटल बाजार है जहां किसान और कृषि मंडी व्यापारी आसानी से अपनी उपज खरीद या बेच सकते हैं। कृषि मंडी व्यवसाय को आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए कृषि स्टार्टअप द्वारा पिछले कुछ वर्षों में मंडियों में डिजिटलीकरण शुरू किया गया है। भारत में एग्रीटेक के पहलू को और बेहतर बनाने के लिए, नकुल उपाध्याय, महेश जाखोटिया, जितेंद्र बेदवाल, दया राय और निखिल त्रिपाठी ने 2019 में बीजक कृषि व्यापार ऐप लॉन्च किया। कृषि मंडी क्षेत्र में बीजक ऐप के आने से किसानों और कृषि मंडी व्यापारियों के लिए बेहतर कृषि व्यापार की नई संभावनाएं खुल गई हैं।
मंडी व्यवस्था में बीजक की भूमिका
‘बीजक’ भी उन स्टार्टअप में से एक है जो भारत के कृषि मंडी व्यापार में बेहतर बदलाव लाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। आपको कुछ विशेषताओं के बारे में बता दें जो बीजक को भारत का भरोसेमंद एग्री ट्रेडिंग ऐप बना रही है। आइए ऑनलाइन ट्रेडिंग के लाभों पर करीब से नज़र डालें।
1. मंडी व्यापारियों का मजबूत नेटवर्क
डिजिटल मंडियां किसानों को थोक व्यापारियों और अन्य स्थानीय व्यापारियों के साथ सीधे बातचीत करने में सक्षम बना रही हैं। जिससे भारत कृषि मंडी व्यापार और भी मजबूत हो रहा है। जैसे बीजक ऐप पर किसान या मंडी व्यापारी भारत के 30,000+ वेरिफाइड मंडी खरीदार और सप्लायर का एक मजबूत नेटवर्क तक पहुँच सकते हैं। कई मंडी व्यापारी डिजिटली कनेक्ट होकर अपने व्यापार को बढ़ा रहे हैं।
2. मंडी उत्पादों के लिए बेहतर दाम
किसी एक ही मंडी में अपने उत्पादों को बेचने से बेहतर हैं भारत की मंडियों में उत्पादों के रेट चेक करना और जहाँ बेहतर दाम मिले वहीं उत्पादों को बेचना और जहाँ कम दाम में अच्छे उत्पाद मिलें वहां से उत्पाद खरीदना। बीजक ऐप की सहायता से आप भारत की 2000+ मंडियों से टॉप 200+ मंडी उत्पादों के लेटेस्ट रेट अपने स्मार्टफोन पर जान सकते हैं।
3. भौगोलिक सीमाओं से परे जाकर कृषि मंडी व्यापार
पहले किसान और मंडी व्यापारी अपने गांव, नजदीकी क्षेत्र एवं राज्य में ही अपने कृषि मंडी उत्पादों का व्यापार करते थे। अब वे अपने उत्पादों को भारत की किसी भी मंडी में खरीद या बेच सकते हैं। बीजक ऐप पर कॉल या चैट जैसे फीचर का इस्तेमाल करके भारत के किसी भी मंडी व्यापारियों से जुड़कर अपना नेटवर्क बढ़ा सकते हैं और उनके साथ अपना व्यापार कर सकते हैं।
4. पेमेंट में आसानी
अधिकांश मंडियों में किसानों और मंडी सप्लायरों को उनका पेमेंट समय पर नहीं मिलता है। इससे बड़ी समस्याएं होती हैं और मजबूरन उन्हें अपनी उपज कम दरों पर बेचनी पडती हैं। पेमेंट प्रक्रिया को डिजिटल बनाने से पेमेंट करने या प्राप्त करने में आसानी हो रही है और किसानों की आय के स्तर पर अच्छा प्रभाव दिख रहा है। बीजक आपको अपनी पार्टियों को आसानी से पेमेंट करने या उनसे पेमेंट प्राप्त करने लिए 100% सुरक्षित ऐसी पेमेंट सुविधा भी प्रदान करता है। साथ ही आप यहाँ ई-बीजक भी बना सकते हैं और अपने सभी लेनदेन का डिजिटली हिसाब भी रख सकते हैं।
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