भारतीय अनानास व्यापार के बारे में सब कुछ जानें

Everything You Need To Know About Pineapple Trade In India

अनानास दुनिया भर में अपने बेहतरीन मीठे स्वाद के लिए जाना जाता है। इतना ही नहीं यह विटामिन ए, बी, और सी और कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम और आयरन जैसे खनिजों का भी एक अच्छा स्रोत है। यह भारतीय कृषि में भी बहुत अहम भूमिका निभाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी खेती आज लगभग 89000 हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है। तो आइए आज, अनानास और भारत में इसके व्यापार के बारे में और भी अधिक जानें।

भारत में अनानास उत्पदान (Pineapple Cultivation)

अनानास भारत के सबसे खास व्यावसायिक फलों में से एक है। लाखों भारतीय इसके मीठे स्वाद के दीवाने हैं। इस समय लगभग 14.2 मिलियन टन के सालाना उत्पादन के साथ भारत दुनिया में अनानास का पांचवा सबसे बड़ा उत्पादक बन चुका है। आज भारत दुनिया के कुल अनानास उत्पादन का लगभग 8.2 हिस्सा पूरा करता है और इसी के साथ यह इस क्षेत्र में नई ऊंचाइयां भी छू रहा है। भारत में असम, पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक, मणिपुर और त्रिपुरा जैसे राज्य अनानास उत्पादन के लिए जिम्मेदार हैं। इस समय भारत में अनानास उत्पादन (pineapple cultivation in India) तेजी से बढ़ रहा है। अनानास के स्थानिक-अस्थायी विकास की डेटा श्रृंखला के अनुसार 1995 से 2016 तक अनानास उत्पदान का क्षेत्रफल 71.3 हजार से बढ़कर 109.83 हजार हेक्टेयर हो गया। इस समय असम में अनानास की खेती का सबसे बड़ा क्षेत्र मौजूद है क्योंकि यहाँ की जलवायु और मिट्टी दोनों ही इसे उगाने के लिए बेहतरीन है।

भारत में अनानास की किस्में

भारत में अनानास की किस्में: अनानास उत्पदान
भारत में अनानास की किस्में: अनानास उत्पदान

भारत में अनानास की कई किस्में (varieties of pineapple) उगाई जाती हैं। इन सभी की अपनी-अपनी खूबी है और सभी के अपने अलग खरीदार। आइए इन किस्मों पर एक नजर डालते हैं:

  1. केव: केव भारत की प्रमुख व्यावसायिक किस्मों में से एक है। यह अपने पकने के समय के लिए जाना जाता है जो अन्य किस्मों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा है। हालांकि, पकने का यही समय इसके स्वाद को और भी ज्यादा बढ़ाता भी है। इसका वजन लगभग 2-3 किलोग्राम होता है और पूरी तरह से पकने पर यह पीले रंग का दिखाई देता है। यह लगभग फाइबर रहित और बहुत रसदार है।
  2. क्वीन: यह अनानास की सबसे पुक्वीन किस्मों में से एक है जो मुख्य रूप से भारत, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में ही उगती है। इसके फल का वजन लगभग 1 से 1.5 किलोग्राम होता है। पूरी तरह से पक जाने के बाद यह सुनहरे पीले रंग का हो जाता है। इसका गूदा बाकी फलों के मुकाबले कम रसदार होता है और यह अनानास की अन्य किस्मों (varieties of pineapple) के मुकाबले ज्यादा कुरकुरा होता है।
  3. मॉरीशस: यह मुख्य रूप से केवल मेघालय और केरल के कुछ हिस्सों में ही उगाया जाता है। यह अनानास की अन्य किस्मों की तुलना में थोड़ा छोटा होता है और इसकी खाल का रंग पीला या लाल होता है। लाल खाले वाले की तुलना में पीली खाल वाले अनानास में फाइबर और मिठास ज्यादा होती है।
  4. जलधूप और लखट: ये दोनों ही भारत में उगाए जाने वाले अनानास की बहुत ही स्थानीय किस्म हैं। इनका नाम उन जगह पर पड़ा है जहां इनकी अधिकतर खेती की जाती है। इन्हें खास तौर से से प्रसंस्करण के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अगर वैज्ञानिक रूप से देखा जाए तो यूह ‘क्वीन’ किस्म के निवासी हैं लेकिन इनके छोटे आकर और अधिक एसिडिटी के गुणों की वजह से इन्हें ‘क्वीन’ किस्म का हिस्सा नहीं माना जाता है।

अनानस उगाने के मौसम: अनानास उत्पदान

अनानस उगाने के मौसम: Pineapple Cultivation

अनानास को आर्द्र उष्णकटिबंधीय फसल के रूप में जाना जाता है। लेकिन सही देखभाल की जाए तो इसे मैदानी इलाकों और 900 मीटर तक की ऊंचाई पर भी उगाया जा सकता है। इसे बढ़ने के लिए नमी के साथ मध्यम तापमान की जरूरत होती है। इसलिए अनानास उत्पदान ऐसी जगहों पर की जाती है जहाँ भारी बारिश होती हो या वह आर्द्र तटीय क्षेत्रों हो। यही कारण है कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को अनानास उत्पदान के लिए सबसे बढ़िया माना जाता है। यह ज्यादा गर्मी सहन करने वाला पौधा नहीं है और ज्यादा गर्मी होने पर अनानास का पौधा मर सकता है। भारत में इनका ज्यादातर उत्पादन जुलाई से सितंबर के महीनों में होता है। अनानास को उगाने में लगभग 18 से 24 महीने का समय लगता है। इसकी फसल को हर साल 1500 मिमी बारिश के साथ 65 से 95 डिग्री तापमान की जरूरत होती है। हालाँकि, इसे 500 मिमी से 5550 मिमी बारिश में भी उगाया जा सकता है लेकिन 1500 बेहतर फसल के लिए आदर्श है।

भारतीय अनानस का निर्यात (Pineapple Export)

भारतीय अनानस का निर्यात

इस समय भारत दुनिया में अनानास का 5वां सबसे बड़ा उत्पादक है। फिलीपींस, कोस्टा रिका, ब्राजील, इंडोनेशिया चीन इस समय अनानास उत्पादन में भारत से ऊपर हैं। हालांकि, भारत में अनानास उत्पदान का क्षेत्र और उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। अनानास के निर्यात (pineapple export) के मामले में पिछले कुछ साल भारत के लिए काफी बेहतरीन रहे हैं। इन सालों में भारत ने निर्यात में बहुत ही कमाल की वृद्धि दिखाई है। साल 2009 में अनानास निर्यात (pineapple trading) का कुल मूल्य 4.03 मिलियन डॉलर था। यही आगे बदलकर 2020 में 22.55 मिलियन डॉलर हो गया। 2014 भारतीय अनानास के लिए सबसे बड़ा निर्यात साल था। उस साल भारत ने 53.69 मिलियन डॉलर मूल्य के अनानास का निर्यात किया था। 2020 में भारत ने कई देशों जैसे नीदरलैंड, यूनाइटेड किंगडम, चीन, अमेरिका, सऊदी अरब, फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात, न्यूजीलैंड, कनाडा और जापान को अनानास का निर्यात किया। नीदरलैंड भारतीय अनानास का सबसे बड़ा खरीदार था। भारत ने उन्हें 5.88 मिलियन डॉलर की कीमत का अनानास बेचा। भारतीय अनानास में आई इस तेजी से पता चलता है कि आने वाले कुछ सालों में अनानास देश का सबसे बड़ा व्यावसायिक फल बन्ने की क्षमता रखता है।

अनानास का भविष्य

भारत में अनानास का भविष्य काफी आशाजनक दिख रहा है। अप्रैल-दिसंबर के दौरान भारतीय अनानास निर्यात 100% तक बढ़ गया। उस समय में भारत ने 3.26 मिलियन डॉलर मूल्य के अनानास बेचे जो 2013 में ठीक इसी समय 1.63 मिलियन डॉलर थे। पिछले साल निर्यात की मुख्य जगह संयुक्त अरब अमीरात (32.2 प्रतिशत), नेपाल (22.7 प्रतिशत), कतर (16.6 प्रतिशत), मालदीव (13.2 प्रतिशत), और अमेरिका (7.1 प्रतिशत) थे। अब मध्य पूर्वी देश भारतीय अनानास के नए बड़े खरीदार बनते जा रहे हैं। हाल ही में अगस्त 2022 में, त्रिपुरा ने दुबई और कतर को 9909 टन अनानास का निर्यात किया, जिसकी कीमत 14 करोड़ रुपये थी।

जैसा कि आपने अभी देखा कि अनानास आने वाले समय का फल है जो न केवल देश के बाहर बल्कि अंदर भी व्यापार के लिए अच्छा होगा। देश भर में अनानास के खरीदारों की संख्या रोजाना बढ़ रही है। अनानास के ट्रेड (pineapple trade) में व्यापारी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। आपको केवल सही अनानास व्यापारी या बीजक एग्रीकल्चर ट्रेडिंग ऐप जैसे प्लेटफॉर्म की जरूरत है जो आपको भारत के सबसे भरोसेमंद अनानास व्यापारियों से जुड़ने में मदद करेगा।