अच्छी सेहत बनाने के लिए ज़रूरी फलों में से एक केला है। यह फल भारत के साथ-साथ दुनियाभर में काफी मशहूर है। मिठास और पौष्टिक तत्वों से भरपूर केले के फल को दुनियाभर में पसंद किया जाता है। भारतीय मंडी व्यापार में भी केले के मंडी व्यापारियों द्वारा बड़े पैमाने पर केले की खरीदारी और बिक्री की जाती है। आज हम इस ब्लॉग (Indian Banana Cultivation) के माध्यम से भारत में केले की किस्में, उत्पादन और मंडी व्यापार के बारे में विस्तार से जानेंगे।
भारत में केले का उत्पादन (Indian Banana Cultivation)
विश्व में केले का उत्पादन (Banana Cultivation)
विश्व में फिलीपींस, चीन, इक्वाडोर, ब्राजील और इंडोनेशिया प्रमुख केला उत्पादक देश हैं। पिछले एक दशक में भारत और चीन दुनिया के सबसे बड़े केले उत्पादक रहे हैं, जिनकी दुनिया के कुल केला उत्पादन में 40% से अधिक है। भारत और चीन में उत्पादित केले की ज़्यादातर खपत घरेलू स्तर पर की जाती है, जबकि ‘फिलीपींस’ अंतरराष्ट्रीय बाजार में केले का सप्लायर है। ‘इक्वाडोर’ 9% वार्षिक विकास दर के साथ टॉप पांच निर्यातकों में दुनिया का सबसे बड़ा केला निर्यातक देश है। इंडोनेशिया, फिलीपींस और कोस्टा रिका केले के अन्य सबसे बड़े निर्यातक हैं।
भारत में केले का सीज़न
दुनिया के लगभग 120 देशों में गर्म उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में केले की खेती की जाती है। भारत में साल भर केले का मौसम रहता है। केले की आवक अप्रैल में बढ़ने लगती है और अगस्त से अक्टूबर के बीच ज़्यादा हो जाती है। भारत में खेती के कुल क्षेत्रफल के 20% हिस्से में केला उगाया जाता है। मुख्य रूप से केले की फसल बोने के 12-15 महीने बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है और केले की प्राथमिक कटाई का मौसम सितंबर से अप्रैल तक होता है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश कर्नाटक मणिपुर, असम और त्रिपुरा में केले का मौसम पूरे साल रहता है। गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में कटाई का मौसम सितंबर में शुरू होता है और नवंबर में समाप्त होता है। मंडी व्यापार के नजरिये से देखें तो केलों को खरीदकर कोल्ड स्टोरेजेस में रखा जाता है ताकि केलों की सालभर सप्लाई की जा सके।
भारत में केले की किस्में
दुनिया भर में केले की लगभग 300 किस्मों की खेती (types of bananas) की जाती है। जबकि भारत में केले की केवल 15-20 किस्में (varieties of bananas) ही हैं, जिनकी कमर्शियल रूप से खेती की जाती है।
- ड्वार्फ कैवेंडिश: यह महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात और पश्चिम बंगाल में टेबल और प्रोसेसिंग उद्देश्यों के लिए खेती की जाने वाली मुख्य कमर्शियल किस्म है। इसकी खेती कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भी की जाती है। यह किस्म भारत में ‘बसराय’ नाम से (banana varieties) जानी जाती है और महाराष्ट्र में काफी पसंद की जाती है।
- रोबस्टा: इस किस्म के केलों का उत्पादन मुख्य रूप से तमिलनाडु और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में टेबल उपयोग के लिए किया जाता है। रोबस्टा भारत में केले की लोकप्रिय टेबल किस्मों में से एक है।
- लाल केला/रेड बनाना: ‘लाल केला’ तमिलनाडु में केले की सबसे लोकप्रिय किस्मों में से एक है। यह किस्म व्यावसायिक रूप से तमिलनाडु के कन्याकुमारी और केरल के तिरुनेलवेली में उगाई जाती है। यह कुछ हद तक कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और पश्चिमी एवं मध्य भारत में भी लोकप्रिय है। इसे बिहार और देश के अन्य हिस्सों में ‘लाल वेल्ची’ और कर्नाटक में ‘चंद्र बाले’ के नाम से भी जाना जाता है।
- ग्रैंड नाइन: अन्य कैवेंडिश किस्मों की तुलना में ‘ग्रैंड नाइन’ केले की विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय किस्म है। ‘ग्रैंड नाइन’ किस्म इज़राइल से आयात की जाती है।
- पूवन: यह आंध्र प्रदेश की प्रमुख कमर्शियल केले की किस्मों में से एक है। आंध्र प्रदेश में यह ‘कर्पूरा चक्रकेली’, केरल में ‘पलायनकोडन’, तमिलनाडु में ‘पूवन’ और उत्तर पूर्वी क्षेत्र में ‘अल्पन’ इन नामों से पहचानी जाती है।
- नेंद्रन: केरल में खेती की जाने वाली केले की लोकप्रिय किस्मों (varieties of bananas) में से एक है ‘नेंद्रन’। इसका उपयोग टेबल और प्रोसेसिंग दोनों उद्देश्यों के लिए किया जाता है। पिछले कुछ सालों में तमिलनाडु में नेंद्रन की कमर्शियल खेती बढ़ी है।
- नेय पूवन: नेय पूवन तमिलनाडु और कर्नाटक में व्यावसायिक रूप से उगाई जाने वाली सबसे नाजुक किस्म है। वर्तमान में केरल में बड़े पैमाने पर इसकी खेती की जा रही है।
भारत में केले की कमर्शियल किस्में (Banana Varieties in India)
भारत में केले की कई किस्में (types of bananas) उगाई जाती हैं। हालांकि, प्रोसेसिंग के लिए केवल कुछ किस्मों का उपयोग किया जाता है और बाकी की किस्मों को घरेलु खपत के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कमर्शियल क्षेत्र में केले को प्युरे और स्वीटनर में वर्गीकृत किया जाता है। भारतीय केलों की कमर्शियल किस्में (varieties of Indian bananas) हैं बौना कैवेंडिश, रोबस्टा, पूवन, नेंद्रन, लाल केला, अर्धरपुरी, नेय पूवन, बसराई, करपुरवल्ली और रस्थली।
केले का निर्यात (Banana Export)
केले के उत्पादन के साथ-साथ भारत अब केले के निर्यात क्षेत्र (Indian Banana Export) में भी आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने एक ट्वीट कर भारतीय केले के निर्यात में हुई बढ़ोतरी को लेकर जानकारी दी कि भारत के केला निर्यात में पिछले 9 सालों में 8 गुना वृद्धि हुई है। कीमतों के लिहाज से केले के निर्यात में 703 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। साल 2013 में केले का ₹26 करोड़ का निर्यात हुआ था जो अब बढ़कर 213 करोड़ तक पहुंच गया है।
Making the World Go Bananas 🌏
India’s banana exports grow 8 fold in 9 years during the April-May period.
The rising exports benefit our farmers immensely while enhancing India’s agricultural exports earnings. pic.twitter.com/nhrXFSiTn7
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 12, 2022
भारतीय केले के अच्छे स्वाद की वजह से दुनियाभर में इसकी डिमांड ज़्यादा है। भारत से केला आयात करने वाले देशों में ईरान, UAE, इराक और ओमान जैसे गल्फ देश शामिल हैं। पिछले कुछ सालों में भारत के केले का निर्यात मात्रा और मूल्य दोनों के लिहाज से बढ़ा है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, साल 2018-19 में 1.34 लाख मीट्रिक टन भारतीय केले का निर्यात हुआ था। इसकी कीमत 413 करोड़ रुपये थी। 2019-20 में भी निर्यात में बढ़ोतरी हुई और भारत ने 1.95 लाख मीट्रिक टन केले का निर्यात किया, जिसकी कीमत 660 करोड़ रुपये थी। 2020-21 (अप्रैल 2020-फरवरी 2021) में भारत ने 619 करोड़ रुपये मूल्य के 1.91 लाख टन केले का निर्यात किया था।
जैसे की हमने इस ब्लॉग में जाना कि भारत में केले के मंडी व्यापार में मुनाफा (trading business of bananas) कमाने के कई अवसर है। बस आपको केले के सही मंडी खरीदार (banana mandi buyer)और मंडी सप्लायर तक पहुंचना होगा। बीजक ऐप (Agriculture Trading App)आपको भारत के भरोसमंद केले के मंडी व्यापारियों (banana mandi traders) के साथ कनेक्ट करने में सहायता करेगा।
हम आशा करते है कि आपको यह ब्लॉग पसंद आया होगा और यदि आप अन्य मंडी उत्पादों (mandi agriculture commodities) के बारे में जानना चाहते है, तो हमें कमेंट करके बताएं और हमारे सोशल मिडिया हैंडल्स को फॉलो भी करें।