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भारतीय मंडियों में अमरुद का व्यापार: अमरूद बाजार

The Guava Trade in Indian Mandis

बागवानी यानी फल, सब्जी, मसाले आदि फसलों में भारत दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। पूरी दुनिया के फल-सब्जी उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 12 प्रतिशत है। मंडी उत्पादों में डिमांड में रहने वाले उत्पादों में से एक उत्पाद है अमरुद, जिसने पिछले कुछ सालों में अमरूद बाजार में काफी लोकप्रियता हासिल की है। इसलिए पिछले कुछ सालों में देश में बागवानी फसलों का मंडी व्यापार तेजी से बढ़ा है। अमरुद की बात करें तो भारत में उगाए जाने वाले अमरुद की विदेशों में भी काफी मांग है। आंकड़ों पर नज़र डालें तो अमरूद के निर्यात में पिछले 8 वर्षों में बढ़ोतरी हुई है।

भारत में अमरुद का उत्पादन : अमरूद बाजार

भारत अमरूद का बड़ा उत्पादक है, जो दुनिया के 45% अमरूद उत्पादन में 25 मीट्रिक टन का योगदान देता है। इंडोनेशिया और चीन क्रमश: दूसरे और तीसरे सबसे बड़े उत्पादक हैं, जो उत्पादन में 7% और 5% का योगदान करते हैं। 2019 तक की रिपोर्टों के अनुसार, भारत 5% वार्षिक वृद्धि के साथ अमरूद उत्पादन में सबसे ऊपर है और थाईलैंड 15% वार्षिक वृद्धि के साथ टॉप निर्यातक बन गया है और चीन सालाना 15% की वृद्धि के साथ सबसे बड़ा आयातक बन गया है।

अमरुद उत्पादन में उत्तर प्रदेश का प्रमुख योगदान है, इसके बाद पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु का स्थान है। जबकि भारत में खेती हाल के दिनों में लोकप्रियता प्राप्त कर रही है, वहीँ कटाई में 64% की वृद्धि हुई है और पिछले चार दशकों में भारत में अमरूद का उत्पादन 55% हो गया है। तमिलनाडु में, अमरूद की खेती मुख्य रूप से मदुरै, सेलम और डिंडीगुल में की जाती है।

भारत में अमरुद का सीजन (Guava Season in India)

अमरूद की खेती आंध्र प्रदेश में पूरे साल की जाती है और उत्तर भारत में अमरूद उगाने का चरम मौसम अगस्त से दिसंबर तक होता है। अगस्त से सितंबर बरसात के मौसम की फसल के लिए है, नवंबर से दिसंबर सर्दियों की फसल के लिए है, और मार्च से अप्रैल वसंत फसल के लिए है। हालांकि, तमिलनाडु में, पीक अमरूद का मौसम अप्रैल-मई और अक्टूबर-नवंबर में होता है। बरसात और सर्दी के मौसम की फसलों की तुलना की जाए तो सर्दी के मौसम में पैदावार अधिक हो सकती है। भारत में अमरूद के फल का मौसम अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होता है। उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश में अमरूद का मौसम साल भर रहता है, जबकि अरुणाचल प्रदेश में, अमरूद उगाने का मौसम जुलाई से अक्टूबर तक ही होता है।

भारत में अमरूद की खेती उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश में की जाती है। साल 2019-20 में 292 हजार हेक्टेयर में अमरुद का रकबा था और 4361 हजार मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ था। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (National Agriculture Board) के अनुसार साल 1991-21 में 94 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में अमरुद की खेती होती थी, वो 2001-02 में बढ़कर 155 हजार हेक्टेयर हुई जबकि उत्पादन 11 लाख टन से बढ़कर 17 लाख टन हो गया था। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में, भारत में उत्पादित अमरूद की मात्रा 4.92 मिलियन मीट्रिक टन होने का अनुमान है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में यह अधिक है। 

अमरुद का निर्यात 

भारत में उगाई जाने वाली अमरुद की किस्मों की बांग्लादेश, नेपाल, नीदरलैंड, यूएई, ईरान, ओमान, कतार और साउदी अरब में काफी डिमांड है। 2021-22 में भारत ने 15 करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य के अमरुद का निर्यात किया। वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक भारत से अमरूद के निर्यात में वर्ष 2013 से लेकर अब तक 260% की वृद्धि दर्ज की गई है। अमरूद का निर्यात अप्रैल-जनवरी 2013-14 के 0.58 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल- जनवरी 2021-22 में 2.09 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 15 करोड़ से ज्यादा रुपए के स्‍तर पर पहुंच गया।

अमरूद की किस्में: (Guava Varieties)

भारत में अमरूद की लगभग 30 किस्में हैं, हालांकि सफेद अमरूद और गुलाबी अमरूद सबसे अधिक खेती की जाने वाली किस्में हैं। इलाहाबाद सफेदा और सरदार किस्में अपनी उपज क्षमता, अच्छी गुणवत्ता और दुनिया भर में उनकी डिमांड के कारण भारतीय बाजारों पर हावी है। अमरूद की सभी किस्मों में से इलाहाबाद सफ़ेदा भारत में अमरूद की सबसे अच्छी किस्म है। भारतीय अमरूद की किस्मों में इलाहाबाद सफेदा, सरदार (लखनऊ 49), पंत प्रभात, ललित, धारीदार, चित्तीदार, अर्का मृदुला और खाजा (बंगाल सफेदा) है।

अमरूद की लखनऊ किस्म की खेती नुजविद, विजयवाड़ा और आंध्र प्रदेश में की जाती है। सफेदा किस्म का उत्पादन ओडुगाथुर, बैंगलोर और ताडिपत्रि के क्षेत्र में किया जाता है। इलाहाबाद किस्म का उत्पादन मदुरै, थेनी और डिंडीगुल में किया जाता है। ताइवान, अर्का किरण की किस्में ताड़ीपत्री और विजयवाड़ा के क्षेत्र में उगाई जाती हैं। गुलाबी अमरूद की किस्मों का उपयोग ज्यादातर खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में किया जाता है, क्योंकि उनकी प्राकृतिक मिठास और लुगदी की मात्रा अधिक होती है। यहाँ है मंडी व्यापार में डिमांड में रहने वाली कुछ किस्में:

  1. इलाहाबाद सफेदा 
  2. लखनऊ-49 (सरदार अमरूद) 
  3. पंत प्रभात, 
  4. अर्का मृदुला
  5. ललित 
  6. इलाहाबाद सुर्खा 
  7. चित्तीदार 
  8. धारीदार 
  9. श्वेता 
  10. अर्का अमूल्या (बेदाना – इलाहाबाद सफेदा) 
  11. सफेद जाम (इलाहाबाद सफेदा – कोहिर) 
  12.  खाजा (बंगाल सफेदा)

अमरुद की नई वैरायटी जैसे ताईवान, वीएनआर, थाई गुआवा, ताईवान पिंक, डायमंड और जापानी गुआवा के अमरुद की विदेशों में मांग है।

थाई अमरूद की बीएनआर (BNR Guava) किस्म 

थाई अमरूद की बीएनआर (BNR Guava) किस्म विटामिन सी, फाइबर और फोलिक एसिड जैसे तत्वों से और औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसका सेवन डायबिटीज मरीजों के लिए अच्छा माना जाता है। वहीं, अमरूद की देशी और अन्य किस्मों की तुलना में यह जल्दी फल देने लगता है। इसमें 18 महीनों में ही फल आने लग जाते हैं। बगीचे का सही तरीके से रखरखाव किया जाए तो लगभग 20-25 सालों तक फल लिए जा सकते हैं।

अमरुद की इस किस्म के पेड़ पूरी तरह तैयार होने पर हर पेड़ से सालाना करीबन 40 किलो तक उत्पादन लिया जा सकता है। अक्टूबर महीने से थाई अमरूद की तुड़ाई शुरू हो जाती है, जो फरवरी-मार्च तक चलती है। साथ ही फल तुड़ाई के 20 दिनों बाद तक खराब नहीं होता है। इसलिए इसे मंडियों तक ले जाना आसान हो जाता है। इसे मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, कोच्ची, बैंगलुरू, इंदौर के साथ साथ UK तक (guava market in India) बेच सकते हैं।

सवाई माधोपुर का प्रसिद्ध अमरूद

देश-विदेश में राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले के मीठे अमरूद (variety of guava) बहुत मशहूर है। सवाईमाधोपुर जिले में सूरवाल, करमोदा, दौंदरी, मथुरापुर, आटूनकलां, गुढ़ासी, शेरपुर-खिलचीपुर, श्यामपुरा, ओलवाड़ा, पढ़ाना, मैनपुरा, अजनोटी, भाड़ौती, सेलू, रांवल, गंगापुरसिटी, बामनवास आदि स्थानों पर 15 हजार हैक्टेयर में किसानों ने अमरूद के बगीचे लगा रखे हैं। राजस्थान का यह एकमात्र जिला है, जहां सर्वाधिक 75 प्रतिशत अमरूदों की बागवानी होती है। दिल्ली, हरियाणा पंजाब सहित देश के 10 राज्यों में इस अमरूद की सप्लाई होती है और सालाना पांच अरब से अधिक का कारोबार होता है। यदि आप अमरुद के व्यापारी हैं तो बीजक ऐप डाउलोड करके सिर्फ राजस्थान ही नहीं बल्कि भारत के कई राज्यों के अमरुद के मंडी व्यापारियों से अमरुद के भाव (guava mandi rates) जान सकते हैं और उनके साथ अमरूद बाजार पे बेस्ट रेट्स पर डील कर सकते हैं।

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