जिस एग्री ट्रेडिंग को आज हम जानते हैं वह 1875 में बॉम्बे कॉटन ट्रेड एसोसिएशन की स्थापना से निकलकर आई है। कृषि व्यापार 1960 के दशक के बाद कुछ समय के लिए बाधित हो गया था क्योंकि देश सूखे, अकाल और खराब सरकारी नीतियों से गुजर रहा था। यह लगभग चार दशकों तक चलता रहा। हालांकि थोड़े समय बाद कृषि उत्पाद मार्केट (agriculture commodity market) ने अपनी वापसी भी की।
कृषि उत्पाद की ट्रेडिंग (agricultural trading) 2002 में शुरू हुई थी। भारत में होने वाले कुल उत्पाद व्यापार में कृषि उत्पाद का योगदान 12% है। यह उत्पाद की ट्रेडिंग तीन राष्ट्रव्यापी मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंजों में होती है जैसे मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX), नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX), और इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX)। यह स्टॉक मार्केट की तरह ही काम करता है। इसमें बस फर्क इतना है कि इसकी ट्रेडिंग में उत्पाद को खरीदार तक भेजा जाता है।
सबसे आम कृषि उत्पाद अनाज (चावल, बासमती चावल, गेहूं, मक्का, जीरा), तेल और तिलहन (अरंडी के बीज, सोया बीज, अरंडी का तेल, परिष्कृत सोया तेल, सोया भोजन, कच्चा पाम तेल, मूंगफली का तेल, सरसों के बीज) हैं, मसाले (काली मिर्च, लाल मिर्च, जीरा, हल्दी और इलायची), और दालें (चना, उड़द, पीली मटर, अरहर की दाल) है। लेकिन खाद्य कृषि उत्पाद एकमात्र कृषि उत्पाद (agricultural commodities) नहीं हैं जिनका व्यापार किया जाता है। कृषि के अखाद्य उत्पाद और इससे जुड़े क्षेत्रों जैसे कपास और फाइबर और खाल से उत्पाद भी शीर्ष व्यापारिक उत्पादों में आते हैं।
कृषि उत्पाद व्यापार को प्रभावित करने वाले कारक
कृषि व्यापार अक्सर कई कारकों से प्रभावित होता है। कृषि व्यापार (agri commodity trading) बहुत उच्च जोखिम वाला होता है क्योंकि उत्पाद भौतिक होते हैं और उनके खराब होने का खतरा रहता है।
हर व्यापार की तरह कृषि उत्पाद का दाम डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। इन दोनों में कभी भी उतार-चढ़ाव हो सकता है। उदाहरण के लिए, कृषि उत्पादों की मांग, लोगों के स्वाद में बदलाव, अधिक विकल्प होना, कृषि उत्पाद का अधिक इस्तेमाल (जैसे चीनी, ताड़ का तेल और मकई का उपयोग जैव-ईंधन के निर्माण में इनपुट के रूप में उपयोग किया जाता है) किए जाने से सप्लाई प्रभावित होना। दूसरी ओर, मौसम के उतार-चढ़ाव से भी सप्लाई प्रभावित हो सकती है। उदाहरण के लिए, हालिया गर्मी की लहर ने टमाटर की कीमतों पर काफी असर डाला था।
बारिश के पैटर्न में बदलाव होने पर वह उत्पाद जो मानसून पर निर्भर होते हैं उन्हें सिंचाई का सहारा लेना पड़ सकता है। ठीक इसी तरह समय पर परिवहन भी कृषि उत्पादों के दाम को निर्धारित करता है। कृषि व्यापार को सफल बनाने वाला एक और कारक है कटाई के बाद की गुणवत्ता जैसे भंडारण और हैंडलिंग। कृषि उत्पाद को बेहतर बनाए रखने के लिए उन्हें तापमान और नमी विनियमन भंडारण सुविधाओं में रखा जाना चाहिए।
हालांकि, अधिकतर कृषि उत्पादों को जमीन से सटे भंडारण इकाइयों में रखा जाता है जिससे उत्पाद का काफी नुक्सान होता है। इसी तरह पैकिंग, छँटाई, ग्रेडिंग और यहाँ तक कि परिवहन के भी उत्पाद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। इन तरीकों को अपनाकर पूरे साल अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद पाए जा सकते हैं।
सरकारी नियम भी उत्पाद की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं। खासकर कुछ मूल्य संवेदनशील उत्पादों के मामले में भी यह नियम काफी प्रभाव डालते हैं। यह नियम जमाखोरी और गैरकानूनी गतिविधि को रोकने के लिए लगाए जाते हैं। इन चुनौतियों के अलावा, भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक अर्थव्यवस्था, ईंधन की बढ़ती कीमतें, पर्यावरणीय कारक, महामारी आदि सभी कृषि व्यापार उत्पादों के मूल्य को प्रभावित कर सकते हैं।
भारत में शीर्ष 10 कृषि उत्पाद
1. चावल

भारत दुनिया में चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। चावल हमारे देश में सबसे अधिक खाए जाने वाले कृषि उत्पाद में से भी एक है। देश में चावल का उत्पादन साल दर साल बढ़ता गया है। वित्त वर्ष 1980 में यह 536 लाख टन था जो वित्त वर्ष 2020-21 में बढ़कर 1200 लाख टन हो गया है। भारत में चावल की 20 लोकप्रिय किस्में उगाई जाती हैं जिनमें ब्राउन राइस, बासमती चावल, चमेली चावल, लाल चावल आदि शामिल हैं।
भारत में प्रमुख चावल उत्पादक राज्य हैं: पंजाब, ओडिशा, असम, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और हरियाणा।
2. गेहूँ

भारत दुनिया में गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इस सूची में चीन शीर्ष पर है। पिछले कुछ सालों से भारत का गेहूं उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। इतना ही नहीं 2019 से हर साल 1000 लाख टन से अधिक की बंपर फसल की उपज हो रही है। गेहूँ की उच्च घरेलू खपत के कारण सरकार भी बड़े पैमाने पर किसानों से गेहूं खरीदती है।
गेहूँ उगाने वाले प्रमुख राज्यों में पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान शामिल हैं।
3. दूध

भारत सालाना 8.5 लाख करोड़ रुपये की कीमत के दूध का उत्पादन करता है। भारत दुनिया में दूध और उससे जुड़े उत्पादों (वैश्विक उत्पादन का 22 प्रतिशत) का सबसे बड़ा उत्पादक है। यह सब 1970 की श्वेत क्रांति के चलते हुआ। जिन दूध से जुड़े उत्पादों की हमने बात की थी उसमें मक्खन, घी, पनीर, दूध पाउडर, मक्खन दूध, आदि शामिल हैं।
दूध उत्पादन वाले प्रमुख राज्यों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु शामिल हैं।
4. आम

भारतीयों के लिए आम ‘फलों का राजा’ है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा आम का उत्पादक है। भारत हर साल लगभग 1.09 करोड़ टन आम का उत्पादन करता है। भारत दुनिया भर के कुल आम उत्पादन के लगभग 56% हिस्से का जिम्मेदार है। भारत में आम की 1,500 किस्में उगाई जाती हैं। इसमें से 1,000 को व्यावसायिक रूप से बेचा जा सकता है। कुछ प्रसिद्ध किस्मों में अल्फांसो, केसर, दशेरी, तोतापुरी, सफेदा आदि शामिल हैं।
भारत के शीर्ष पांच आम उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक और गुजरात हैं। ये पांच राज्य भारत के कुल आम उत्पादन में 60% से अधिक का योगदान देते हैं।
5. अमरूद

शायद आपको इस बात पर यकीन न हो मगर अमरूद भारत में कारोबार करने वाले शीर्ष 10 कृषि उत्पादों में से एक है। विश्व के अमरूद उत्पादन में भारत का योगदान 45 प्रतिशत का है। अमरूद की कई लोकप्रिय किस्में है जैसे इलाहाबाद सफेदा, सरदार (लखनऊ 49), पंत प्रभात, ललित, धारीदार, चित्तीदार, अर्का मृदुला और खाजा (बंगाल सफेदा)। भारत में उगाए जाने वाले गुलाबी अमरूद की किस्मों का उपयोग खाद्य प्रसंस्करण कंपनियां फलों के जूस और अन्य उत्पाद बनाने के लिए करती हैं।
भारत के प्रमुख अमरूद उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु हैं।
6. केला

भारत में केला एक प्रमुख फल के तौर पर जाना जाता है। भारत में व्यावसायिक रूप से केले की 15-20 किस्मों की खेती की जाती है। देश में केले का उत्पादन लगातार बढ़ता जा रहा है। 2005 से 2006 में केले का उत्पादन 200 लाख मीट्रिक टन था जो 2017 में 300 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचा था। भारत और चीन दुनिया के कुल केले के उत्पादन में 40% से अधिक का योगदान देते हैं। हालांकि, इस उत्पादन का अधिकतर हिस्सा घरेलू मार्केट में बेचा जाता है क्योंकि दोनों ही देशों में इसकी खपत बहुत ज्यादा है।
भारत में प्रमुख केला उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश हैं।
7. आलू

आलू भारत में उगाए और खाए जाने वाले प्रसिद्ध TOP (टमाटर, प्याज, आलू) उत्पादों में से एक है। चीन के बाद भारत आलू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। आलू के वैश्विक उत्पादन का लगभग एक तिहाई हिस्सा चीन और भारत द्वारा पूरा किया जाता है। आलू की कुछ लोकप्रिय किस्मों में कुफरी ज्योति, कुफरी सिंदूरी, कुफरी बहार 3797, कुफरी नीलकंठ, कुफरी अलंकार, कुफरी चिप्सोना, एलआर आलू (लेडी रोसेटा), डायमंड पोटैटो आदि शामिल हैं।
भारत में प्रमुख आलू उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश और पंजाब हैं।
8. गन्ना

ब्राजील के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है। भारतीय चीनी उद्योग का सालाना उत्पादन लगभग 80,000 करोड़ रुपये का है। 2017 तक भारत में लगभग 339 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन होता था। इस उत्पादन को पूरा करने के लिए 732 चीनी कारखाने थे। एक खाद्य उत्पाद होने के अलावा चीनी का उपयोग इथेनॉल उत्पादन के लिए जरूरी सुक्रोज बनाने के लिए भी किया जाता है।
भारत में प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, बिहार, गुजरात, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड हैं।
9. कपास

भारत कुल वैश्विक कपास उत्पादन का लगभग 25% हिस्सा पूरा करता है। भारत में 120.69 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की खेती की जाती है जो भारत को इस सूची में पहले नंबर पर लाता है। ‘व्हाइट गोल्ड’ कहा जाने वाला कपास भारत के विदेशी मुद्रा का सबसे बड़ा योगदानकर्ता भी है।
भारत के दस प्रमुख कपास उत्पादक राज्य पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु हैं।
10. मूंगफली

मूंगफली भारत में एक महत्वपूर्ण तिलहन उत्पाद है। इतना ही नहीं भारत वित्त वर्ष 2021 में मूंगफली तेल का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक था। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, 2020-21 भारत में मूंगफली का उत्पादन 101.19 लाख टन था। भारत में प्रमुख मूंगफली उत्पादक राज्य गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल हैं।
बीजक ऐप पर ट्रेडिंग शुरू करें
यदि आप एक कृषि व्यापारी हैं, तो जरूर आपको इन दो चुनौतियों का सामना करना पड़ता होगा – भरोसेमंद काउंटरपार्टी और समय पर पेमेंट का नहीं मिलना। ये ऐसे दो प्रमुख कारण हैं जिसके चलते अधिकतर कृषि व्यापारियों को उनके जान-पहचान वाले व्यापारियों के सर्कल तक ही सीमित रहना पड़ता है। साथ ही उन्हें अनियमित पेमेंट साइकिल पर निर्भर होना पड़ता है जिसके चलते उनका व्यापार बढ़ नहीं पाता है। भारत की सबसे भरोसेमंद एग्री ट्रेडिंग ऐप बीजक इन चुनौतियों से वाखिफ है। इन कारणों को ध्यान में रखते हुए ही बीजक पूरी तरह से जांच करने के बाद ही खरीदारों (कमीशन एजेंट) और सप्लायर को ऑनबोर्ड करता है।
एक बार जब ये वेरिफाइड खरीदार और सप्लायर बीजक ऐप पर व्यापार करना शुरू कर देते हैं, तो वे अक्सर इसकी शुरुआत बीजक मार्केट फीचर का उपयोग करके करते हैं। ऑर्डर पूरा करने और समय पर पेमेंट करने पर उनकी परफॉरमेंस ट्रैक की जाती है और उसके आधार पर उन्हें रेटिंग भी दी जाती है। यह रेटिंग दूसरे व्यापारियों को उनकी ओर आकर्षित करती है। हमने देखा है कि पारदर्शी व्यावसायिक व्यापार सौदों के कारण व्यापारियों को और भी ज्यादा व्यापार मिलता है। ऐसे कई कृषि व्यापारियों की कहानियां मौजूद हैं जिन्होंने बीजक ऐप इस्तेमाल करके अपने व्यापार को दोगुना या तिगुना किया है।
ऊपर बताए गए कृषि उत्पादों के अलावा भी बीजक पर 150 अतिरिक्त उत्पादों में व्यापार होता है। यह बीजक को उत्पाद के व्यापार के लिए एक सबसे बेहतर ऐप बनाता है। मंडी फीचर (mandi bhav) यह सुनिश्चित करता है कि कृषि व्यापारी बीजक मार्केट फीचर पर व्यापार शुरू करने से पहले उत्पाद के रेट जान सकें। बीजक ऐप 11 भाषाओं में उपलब्ध है ताकि पूरे भारत के व्यापारी इसपर आसानी से व्यापार कर सकें। सुरक्षित पेमेंट गेटवे यह सुनिश्चित करता है कि कृषि व्यापारी किसी भी समय और सप्ताह के अंत में भी पेमेंट कर सकें। धन्यवाद है बीजक और eNAM के हाल ही में हुए एकीकरण का, अब eNAM वेबसाइट पर रजिस्टर्ड 1.73 करोड़ किसान, 2100 FPO और करीब 1 लाख कमीशन एजेंट बीजक पर व्यापार कर सकेगे। यह उन सभी कृषि व्यापारियों के लिए एक अच्छी खबर है जो बहुत सारे उपयोगकर्ताओं से जुड़ना चाहते थे।
हमें उम्मीद है कि आपको यह ब्लॉग पढ़कर अच्छा लगा होगा। यदि आप एक कृषि व्यापारी हैं, तो हम कमेंट सेक्शन में आपसे मार्केट की मौजूदा स्थिति जानना चाहेंगे। बीजक ब्लॉग पर विशेषज्ञों के अधिक ब्लॉग के लिए हमारे साथ बने रहें। बीजक भारत का सबसे भरोसेमंद एग्रीट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जो 150 से अधिक उत्पाद में व्यापार करने के लिए देश भर के किसानों, खरीदारों (कमीशन एजेंटों) और सप्लायर को एक साथ लाता है। साप्ताहिक अपडेट के लिए कृपया बीजक ब्लॉग को लाइक, शेयर और फॉलो करें।
स्रोत : Samco, Beginners Guide To Agri Trading, Top 10 Agricultural Commodities, How To Trade Agri Commodities, Indiainfoline, Motilaloswal, चावल : Top 10 Rice Producing States, Index, गेहूँ: fas.usda.gov, Times Of India, The Hindu, Commodity Intelligence Report, दूध: Dairy Products, Byjus, Business Standard, fao.org, अमरूद: abcfruits, केला: abcfruits, आलू: Researchgate, गन्ना: dfpd.gov.in, Byjus, Economic Times, कपास: Texmin.nic.in , मूंगफली: pib.gov.in, pjtsau.edu