खाद्य तेल बना महंगाई का ‘तेल’

खाद्य तेल की मार खाद्य तेल की मार

देश में खुदरा महंगाई दर में लगातार तेज़ी देखी जा रही है। मार्च महीने में खुदरा महंगाई दर 17 महीने के अपने उच्चतम स्तर पर पहुच गयी थी। मार्च 2022 खाद्य महंगाई का आंकड़ा 7.68% था जो अप्रैल 2022 में बढ़कर 8.38% हो गया । पिछले साल अप्रैल में यह 1.96% था। 

इस महंगाई के पीछे के मुख्य कारण है खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि, डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट और ईंधन की कीमतों में इज़ाफा। खाद्य तेलों की महंगाई दर अप्रैल में सबसे अधिक 17.28% थी। इसके बाद सब्जियों की महंगाई दर बढ़कर 15.41% हो गयी। वहीं मसालों के दाम 10.56 % और मांस-मछली के दाम 6.97 % बढ़ गए।

इस वक्त महंगाई, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इसी को देखते हुए भारत सरकार ने पिछले कुछ दिनों में गेहूं और चीनी के निर्यात पर भी पाबंदी लगाने की घोषणा की थी। इसी के साथ ही मई में RBI ने ब्याज दरें भी बढ़ा दीं। 

फसलों का कम उत्पादन

फसल वर्ष 2020-21 में आलू का 56.1 मिलियन टन उत्पादन हुआ था जो की चालु फसल वर्ष 2021-22 में अभी तक 53.6 मिलियन टन रहा है। इसी तरह, पिछले फसल वर्ष के मुकाबले इस साल अभी तक टमाटर की 21.18 मिलियन टन ही पैदावार हुई है। यह पिछले फसल वर्ष की तुलना में 20.30 मिलियन टन कम है। तो दूसरी तरफ बैंगन, भिंडी और मटर जैसी सब्जियों में मुद्रास्फीति वृद्धि देखी गयी है। देश के दलहन उत्पादन में 45% से अधिक की हिस्सेदारी वाले चना के लिए, अप्रैल 2022 में मुद्रास्फीति 2.72% रही। इसी तरह, अन्य खाद्यपदार्थों में भी मुद्रास्फीति देखी गयी जैसे अभी गेहूं में मुद्रास्फीति 9.59% है।

RBI और बढ़ा सकता है रेपो रेट (खुदरा महंगाई दर)

माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक जून में भी रेपो रेट को बढ़ा सकता है । ऐसे में ब्याज दरों के और बढ़ने की भी संभावना है। साथ ही रुपये की गिरती कीमत भी अर्थव्यवस्था और सरकार के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है।

महंगाई की मार से रोजमर्रा की जिंदगी पर तो असर पड़ता ही है लेकिन अगर महंगाई की चिंता के बीच सप्लायर, खरीदार और ट्रक सप्लायर से बातचीत की चिंता नहीं करनी है तो बीजक ने सबसे अच्छा कमोडिटी ट्रेडिंग समाधान दिया है।  समाधान है। देश के सबसे भरोसेमंद एग्री ट्रेडिंग ऐप बीजक पर आपको देश विदेश के सैंकड़ों ट्रेडर मिलेंगे जो वाजिब कीमतों पर अपना माल बेचते हैं। साथ ही आपको समय पर माल की बिक्री से लेकर डिलीवरी मिलने में भी आसानी होती है।