आम को दुनिया भर में फलों का राजा माना जाता है। इसकी अनोखी मिठास, लाजवाब स्वाद और इसका रसीलापन ही इसे फलों का राजा बनाता है। वैज्ञानिकों ने इसे मेंगीफेरा इंडिका (Mangifera Indica) का नाम दिया है। शुरुआत में आम सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप में ही उगाए जाते थे लेकिन समय के साथ साथ इनकी महक विदेशों में भी फैली और अब ब्राजील, वेस्टइंडीज और मैक्सिको जैसे देश भी इसकी खेती करने लगे हैं।
खास बात ये है कि भारत के साथ-साथ आम को पाकिस्तान और फिलीपींस ने अपना ‘राष्ट्रीय फल’ घोषित कर दिया है। इसके अलावा बांग्लादेश में आम के पेड़ को ‘राष्ट्रीय पेड़’ का दर्जा प्राप्त है।
भारतीय आम का व्यापार: आम का उत्पादन
भारत आम का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। भारत के अलावा चीन और थाईलैंड भी बड़ी मात्रा में आम का उत्पादन करते हैं। विश्व के कुल आम उत्पादन में भारत की 56% हिस्सेदारी होने के बावजूद भी विदेशी बाजार में भारतीय आम की हिस्सेदारी बेहद कम है। इसकी मुख्य वजह भारतीय आम का विदेशी बाजार के मानकों पर खरा नहीं उतर पाना है।
इसलिए जरूरी है कि आम के निर्यात को बढ़ाने के लिए व्यापारियों और किसानों को आम की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना होगा। भारत में सिर्फ दो ही जगह आम संशोधन केंद्र स्थित हैं। एक उत्तर प्रदेश के लखनऊ में और दूसरा महाराष्ट्र के वेंगुर्ला में है। आज विदेशों में हापुस और केसर आमों की मांग बढ़ रही है।
भारतीय आमों की पसंदीदा किस्में
दुनियाभर में टॉमी एटकिन्स (Tommy Atkins), हैडेन (Haden), केंट (Kent), इरविन (irwin), हनी अतौल्फो (Honey Ataulfo), फ्रान्सिस (Francis ), हापुस अलफांसो (Alphanso), तोतापुरी, बंगनपल्ली, चौसा, सुवर्णरेखा और केसर आम सबसे ज्यादा उगाया जाता हैं। भारत में आम की 1,500 किस्में उगाई जाती हैं।
आइए जानते हैं आम की कुछ प्रमुख किस्मों के बारे में –
हापुस
अलफांसो या हापुस आम देश विदेश में अपनी मिठास और स्वाद के लिए जाने जाते हैं। इनकी खेती मुख्यत: महाराष्ट्र के रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और रायगड जिलों में की जाती है। हालांकि पिछले कुछ सालों में कर्नाटक और गुजरात के कुछ हिस्सों में भी इनकी खेती होने लगी है।
दशहरी
देश और दुनिया में अपने रसीले स्वाद के लिए दशहरी आम मशहूर है। इसकी खेती मुख्यत: उत्तर भारत में की जाती है। उत्तरप्रदेश के लखनऊ और आस-पास के गाँवो जैसे नन्दी फिरोजपुर, काकोरी आदि में ये उगाये जाते हैं।
चौसा
उत्तर भारत और बिहार में चौसा आम सबसे लोकप्रिय है। चौसा आमतौर पर गर्मियों के अंत और बारिश के शुरुआत में बाजार में आता है।
केसर
यह आम अपने स्वाद व केसर जैसी खुशबू के लिए जाना जाता है। गिर अभयारण्य के आसपास के इलाकों जैसे जूनागढ़ और अमरेली जिलों में गिरनार पर्वत के तलहटी में केसर आम उगाया जाता है। और इसे GI Tag भी प्राप्त है!
बादामी
बादामी आम को ‘कर्नाटक का अलफान्सो’ भी कहा जाता है! यह स्वाद में मीठा और हलके पीले रंग का होता है।
तोतापुरी
यह आम तोते की चोंच की तरह दिखता है जिस वजह से इसे तोतापुरी नाम दिया गया है। यह आम अन्य आमों की तरह ज़्यादा मीठा नहीं होता। लेकिन सलाद, अचार व पकवान बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह मुख्य रूप से कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में पाया जाता है।
हिमसागर
मीठी सुगंध का यह आम पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में पाया जाता है। हिमसागर आम का मुख्यत: उत्पादन बंगाल के मुर्शिदाबाद क्षेत्र में होता है। यह एक मध्यम आकार का पीला-हरे रंग का आम होता है जिसका वजन 350 ग्राम के आस पास होता है। यह सिर्फ मई से जून तक बाजार में उपलब्ध होता है। इसका इस्तेमाल मुख्यत: मैंगो शेक बनाने या फिर आम की मिठाई बनाने के लिए होता है।
बंगनपल्ली/सफेदा
बंगनपल्ली आम काफी बड़ा होता है। अंडाकार आकार का यह आम 14 सेमी तक का होता है। ये आम आंध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले के बनगनापल्ले में उगाया जाता है। इसे भी GI Tag मिला हुआ है। उत्तर भारत में इसे सफेदा के नाम से भी जाना जाता है।
मालदा
मालदा आम पश्चिम बंगाल में मालदा जिले का सबसे मुख्य उत्पाद है। इसे कई जगह पर फाजली के नाम से भी जाना जाता है। मालदा विदेशों में काफी लोकप्रिय है।
रसपुरी
रसपुरी आम, दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक के पुराने मैसूर में उगाये जाते हैं। इनका उत्पादन बेंगलुरु, रामनगर, कोलार, चिक्काबल्लापुर और आसपास के क्षेत्रों में प्रमुखता से होता है। इसे भारत में आमों की रानी के रूप में भी जानते हैं।
भारतीय मंडियों में आम की डिमांड और सप्लाई
व्यापार की दृष्टि से देखा जाए तो भारत में हापुस और केसर के बाद सफेदा/बंगनपल्ली, चौसा और तोतापुरी आम को सबसे ज़्यादा पसंद किया जाता है।
आइए विभिन्न मंडियों के अनुसार जानें की कौन से मंडी में कौन से किस्म के आम की ज्यादा डिमांड होती है।
आज़ादपुर मंडी (दिल्ली)
- बंगनपल्ली/सफेदा
- लंगड़ा
- हापुस
- चौसा
- दशहरी
- केसर
- तोतापुरी
- बादाम
इंदौर मंडी (मध्य प्रदेश)
- बादाम,
- तोतापुरी
- बंगनपल्ली/सफेदा
- लंगड़ा
- हापुस
अमृतसर वल्ला मंडी (पंजाब)
- दशहरी
- चौसा
- लखनवा
- लंगड़ा
- तोतापुरी
- हापुस
लुधियाना मंडी (पंजाब)
- दशहरी
- चौसा
- हिमाम
- तोतापुरी
- हापुस
जालंधर मंडी (पंजाब)
- सफेदा
- तोतापुरी
- चौसा
- केसर
- दशहरी
जबलपुर मंडी (मध्यप्रदेश)
- बादाम
- दशहरी
- तोतापुरी
- हापुस
साहिबाबाद मंडी (उत्तर प्रदेश)
- दशहरी
- बंगनपल्ली/सफेदा
- हापुस
देहरादून मंडी (उत्तराखंड)
- दशहरी
- बंगनपल्ली/सफेदा
- हापुस
खांडसा मंडी, गुरुग्राम (हरयाणा)
- दशहरी
- चौसा
- लंगड़ा
नरोडा मंडी अहमदाबाद, गुजरात
- हापुस
- केसर
सूरत, गुजरात
- हापुस
- केसर
सिलीगुड़ी/ गुवाहाटी मंडी (आसाम)
- बंगनपल्ली/सफेदा
- लालमुनी
- तोतापुरी
- हापुस
भारतीय आम का व्यापार (Indian Mango Trade) कल और आज
बदलते समय और देश में डिजिटल क्रांति आने के बाद से मंडी व्यापार का तौर तरीका भी बदला है। पहले व्यापारी अपने आस पास के या फिर जानकारी वाले किसान, सप्लायर या खरीदार पर निर्भर रहते थे। लेकिन अब जैसे जैसे मंडी बिजनेस में बीजक जैसी कंपनी की एंट्री हुई है वैसे वैसे बिजनेस करने का तरीका भी बदल रहा है। अब माल बेचने या खरीदने के लिए ट्रेडर सीधा बीजक ऐप को डाऊनलोड कर सकते हैं। इसके बाद आप कुछ ही क्लिक में देशभर के किसान, सप्लायर और खरीदारों से जुड़ जाते हैं। बीजक पर व्यापारी अपनी जरूरत के अनुसार व्यापार (Indian mango trade) कर सकते हैं। इतना ही नहीं बीजक पर सभी यूजर, वेरीफाइड आम व्यापारियों से चैट या कॉल करके डील कर सकते हैं। तो देर न करें अभी बीजक ऐप डाउनलोड करें और आम का व्यापार शुरू करें।
आम का निर्यात (Mango Export)
पिछले दो साल से पूरा विश्व कोरोना महामारी का दंश झेल रहा है। इस महामारी ने सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी व्यापार को बहुत नुकसान पहुंचाया है। इसी वजह से 2020 में कोरोना महामारी के चलते यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (USDA) ने भारतीय आम के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
कोविड से पहले भारत और अमेरिका के बीच बड़ी मात्रा में आम निर्यात हो रहा था। आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2017-18 में अमेरिका को 800 MT आम का निर्यात किया था और इन फलों का निर्यात मूल्य $2.75 मिलियन था। इसी प्रकार, 2018-19 में अमेरिका को $3.63 मिलियन की कीमत के 951MT आम का निर्यात किया गया था। वहीं 2019-20 में भारत ने 1,095 MT आम का निर्यात किया था जिनकी कीमत $4.35 बिलियन थी।
भारतीय आम की अमेरिका में बहुत डिमांड है। साल 2022 हमारे आम कारोबारियों के लिए अच्छी खबर लेकर आया है। केंद्र सरकार ने यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (USDA) से अमेरिका मे आमों के निर्यात के लिए मंजूरी प्राप्त कर ली है। इसके साथ ही भारत ने अमेरिका में अलफांसों आम का निर्यात करना शुरू कर दिया है।
हमें उम्मीद है कि आपको इस जानकारी से अपने व्यापार में ज़रूर फायदा होगा। भारतीय कृषि व्यापार से संबंधित उत्पादों और जानकारी के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो हमें कमेंट में बताएं। यदि आप मंडी बिजनेस से जुड़े किसी भी विषय के बारे में हमसे ब्लॉग के जरिए जानकारी चाहते हैं तो हमें कमेंट करके बताएं और हमारे सभी सोशल मिडिया हैंडल को फॉलो करना न भूलें।