दिल्ली सरकार ने बीते हफ्ते देश की राजधानी स्थित मंडियों के विकास के लिए 476.89 करोड़ रुपये का बजट पास किया है। ये बजट वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारतीय मंडियों की हालत सुधारने के मकसद से पास किया गया है। इसमें कृषि उपज मंडी समिति और दिल्ली कृषि विपणन बोर्ड ने आजादपुर को लगभग 178.73 करोड़ रुपयेका बजट दिया गया है। गाजीपुर में फल और सब्जी मंडी को 13.34 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। गाजीपुर में एफपी और ईएमसी को 13.96 करोड़ रुपये और फूल बाजार को 8 करोड़ रुपये बजट मिला है। वहीं एपीएमसी (APMC) केशोपुर को 18.91 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
दिल्ली सरकार में कृषि मंत्री गोपाल राय ने कहा कि टिकरी खामपुर थोक मंडी के साथ-साथ गाजीपुर की फल और सब्जी मंडी और पोल्ट्री मार्केट का भी विकास किया जाएगा। साथ ही गाजीपुर फूल बाजार का नवीनीकरण करने की योजना है।
दिल्ली कृषि विपणन बोर्ड की बैठक में कृषि मंत्री गोपाल राय ने कहा कि बजट में भारी राशि का प्रावधान होने से गाजीपुर, आजादपुर, टिकरी खामपुर समेत सभी मंडियों की कई नई परियोजनाओं को रफ्तार मिलेगी।
आजादपुर मंडी का नवीनीकरण
अभी आजादपुर मंडी में सब्जियां एवं फल बेचने के लिए बहुत से किसान आते हैं। कई बार उन्हें एक-दो दिन तक रुकना पड़ता है। इसी कारण से आजादपुर मंडी में अभी किसानों के ठहरने के लिए किसान भवन बनाया गया है। ऐसे में किसानों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आजादपुर मंडी के किसान भवन के नवीनीकरण किया जाएगा।
सभी मंडियों में CCTV कैमरे
सभी मंडियों में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके जरिए न सिर्फ सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि मंडी के कार्यों पर भी नजर बनाए रखने में आसानी होगी। इसके अलावा लोगों की आवाजाही पर भी ध्यान दिया जा सकेगा।
किस दिल्ली मंडी को कितना बजट
- एपीएमसी आजादपुर – 178.73 करोड़
- फल/सब्जी मार्केट गाजीपुर – 13.34 करोड़
- एफपी एंड ईएमसी गाजीपुर – 13.96 करोड़
- फूल मंडी गाजीपुर – 8 करोड़
- एपीएमसी केशोपुर – 18.91 करोड़
- एपीएमसी नरेला – 45.03 करोड़
- एपीएमसी नजफगढ़ – 5.32 करोड़
- डीएएमबी – 193.57 करोड़
जिस तरह दिल्ली सरकार किसानों और मंडी व्यापारियों के बारे में सोचकर मंडियों का कायाकल्प कर रही है। उसी तरह बीजक ऐप भारत के कृषि व्यापार का डिजिटल कायाकल्प करने का प्रयास कर रहा है। जहाँ 200+ टॉप उत्पादों के लिए भारत की 2000+ मंडियों से लाइव रेट देखकर कॉल या चैट के माध्यम से खरीदारों और सप्लायर से जुड़ा जा सकता हैं और पेमेंट की सुविधाओं के माध्यम से कृषि व्यापार को बढ़ाया जा सकता है।