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जानें कि भारत में प्याज कैसे स्टोर किये जाते है: प्याज स्टोरेज

भारत में कैसे रखे जाते है प्याज

भारत में कैसे रखे जाते है प्याज

प्याज खाने वाले लोग भारत में ही नहीं विश्व भर में हैं। हर कोई इसका अपने हिसाब से सेवन करता है। शायद इसलिए प्याज की मांग पूरे साल रहती है। प्याज को उगाने के तीन सीज़न होते हैं – ख़रीफ़, लेट ख़रीफ़ और रबी। भारत में प्याज की 30% से 40% फसल रखे-रखे ही खराब हो जाती है। कभी-कभी आपूर्ति कम होने की वजह से प्याज के दामों का बढ़ना शुरू हो जाता है। प्याज की आपूर्ति में रूकावट कई कारणों से हो सकती है जैसे कि मौसम की मार, फसल का सड़ना, कम उत्पाद या फिर आपूर्ति श्रृंखला में रूकावट। मांग और आपूर्ति में सही संतुलन लाने के लिए प्याज का सही रख-रखाव महत्पूर्ण हो जाता हैे।

हमने आपको अपने एक आर्टिकल में प्याज के प्रमुख प्रकारों के बारें में बताया था। आज हम इसकी एक खूबी के बारे में बात करेंगे। प्याज बहुत ही नाज़ुक होते है जिसकी वजह से इनका हर कदम पर काफी ध्यान रखना पड़ता है। इन्हे रखने के लिए ख़ास तरीके की प्याज स्टोरेज (Onion Storage) सुविधा चाहिए होती है। प्याज को ऐसी जगह रखा जाता है जहाँ हवा की आवा-ज़ाही या वेंटिलेशन हो और साथ ही हवा की नमी को भी कण्ट्रोल किया जा सके। हवा में अगर नमी कम या फिर ज़्यादा होगी तो प्याज सड़ना शुरू हो जाता है।

भारत में उपलब्ध प्याज स्टोरेज (Onion Storage) की सुविधा

भारत में प्याज हवादार जगहों पर तो रख दिए जाते हैं पर हवा में नमी को कण्ट्रोल करना मुश्किल होता है। बड़े वेयरहाउस में तो यह सुविधा फिर भी उलब्ध होती है पर किसानों के पास यह सुविधा नहीं होती आइये जानते है कि किसान किस तरह से प्याज का भंडारण करते है:

  1. प्राकृतिक रूप से हवादार भंडारण सुविधा: यह सुविधा हवादार तो होती है पर यहां तापमान और हवा में नमी को निर्धारित नहीं किया जा सकता। किसान अपने उत्पाद के अनुसार ही इसे बनाते हैं
  2. नीचे और किनारों से हवादार भंडारण स्ट्रक्चर: यह सुविधा हवादार तो होती है पर इनमें भी हवा में नमी और तापमान को नियंत्रित करने की सुविधा नहीं होती। इस कारण यहां रखे प्याज में से करीब 46% खराब हो जाता है।
  3. बांस के भंडारण स्ट्रक्चर: यह बहुत कम लागत में बनकर तैयार हो जाते हैं क्योंकि इसमें बांस के डंडों की मदद से ढांचा तैयार होता है और गन्ने की पत्तियों से छत डाली जाती है। हालांकि यह कम लागत से बनते हैं पर सुविधाओं की कमी की वजह से यहां रखे प्याज़ में से करीब 42% प्याज़ खराब हो जाता है।
प्याज की भंडारण सुविधा

ऊपर बताई गई भंडारण सुविधाओं के अलावा किसानों ने खुद भी अपने भंडारण बनाने शुरू कर दिए हैं। इसी का उदाहरण है झाबुआ, मध्य प्रदेश का 19 वर्षीय किसान रोहित। रोहित ने करीब 600 वर्ग फुट की जगह पर भंडारण सुविधा तैयार की है जहाँ 500 क्विंटल प्याज तक रखा जा सकता है। इन्होने ज़मीन से करीब 6 इंच ऊचा चबूतरा या प्लेटफार्म बनाया और उस पर तारों का जाल बिछा दिया। साथ ही वहां एग्जॉस्ट फैन भी लगा दिया ताकि प्याज ठन्डे भी रहें और ज़्यदा नमी भी न हो। इसकी मदद से उसने अपने उगाये हुए प्याज को सड़ने से बचा लिया।

रोहित की तरह ही कर्नाटक के हचल गाँव के रहने वाले 23 वर्षीय राजकुमार अस्कि ने भी अपनी खुद की भंडारण सुविधा बनाई है। उन्होंने पारंपरिक भंडारण में थोड़ा सा बदलाव किया ताकि उसे और हवादार बनाया जा सके। उन्होंने ज़मीन से करीब 2 फीट ऊचा एक चबूतरा या प्लेटफार्म बनाया और उस पर लकड़ी के फट्टे रख दिए। फिर उसको जाल से ढ़का और भंडारण तैयार कर दिया। किसानों द्वारा बनाई गई इन सुविधाओं को सरकारी संस्थान से मान्यता प्राप्त नहीं है पर यह किसानों की काफी मदद कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने भी भंडारण सुविधा बेहतर करने के लिए पैसा लगाया है। साथ ही, किसान भी अपनी तरफ से प्रयास कर रहे हैं। शायद इसे ही कहते हैं जहां चाह, वहां राह।

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