सदियों से इस्तेमाल किया जाने वाला प्याज आज भारतीय व्यंजनों की रीढ़ बन गया है। कीमतें चाहे कितनी भी ऊंची क्यों न हो जाए, प्याज भारतीय रसोई का मुख्य आधार रहता है। इस साधारण सी सब्जी के प्रति हमारा लगाव इतना बढ़ गया है कि भारत सरकार को भी इसके निर्यात पर हमेशा नज़र रखनी पड़ती है। साथ ही, बाजार की मांगों को पूरा करने के लिए इसके आयात को भी बढ़ाना पड़ता है। स्वाद, स्वास्थ्य लाभ और औषधीय गुणों से भरपूर, प्याज का एक लंबा और दिलचस्प इतिहास भी है। आइए इसके इतिहास पर नज़र डालें।
आखिर कैसे पड़ा प्याज का नाम?
प्याज नाम लैटिन शब्द “unio” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “एक” या “अकेला”। लहसुन के विपरीत, प्याज का पौधा एक ही बल्ब का उत्पादन करता है। प्याज फसलों के एलियम जीनस परिवार से संबंधित है जिसमें लहसुन, हरा प्याज, स्कैलिआन और छोटे प्याज़ सहित सैकड़ों प्रजातियां शामिल हैं। ये सब्जियां सल्फ्यूरिक यौगिकों से भरपूर होती हैं जो इन्हें तेज गंध देता है। जिसकी वजह से प्याज काटते हुए हमारी आंखों से आंसू आते हैं।
ऐसा माना जाता है कि हमारे पूर्वजों ने खेती या कहें कि लिखना भी शुरू करने से पहले जंगली प्याज की खोज कर ली थी और उसे खाना शुरू कर दिया था।
प्याज की उत्पत्ति
प्याज, मानव द्वारा खेती की जाने वाली सबसे पुरानी सब्जियों में से एक है। इसके मौजूद होने के अवशेष लगभग 5000 साल पुराने हैं। कई पुरातत्वविदों, वनस्पतिशास्त्रियों और इतिहासकारों का मानना है कि प्याज की उत्पत्ति सबसे पहले मध्य एशिया में हुई थी। हालांकि, कुछ रिसर्चरों का यह भी सुझाव है कि वे पहले ईरान और पश्चिमी पाकिस्तान में उगाए गए थे। इस तरह की टिप्पणियां निश्चित रूप से प्राचीन काल में हुई प्याज की खेती के बचे हुए अवशेषों पर आधारित हैं।
प्याज का अनसुना इतिहास
प्याज की संगठित खेती लगभग 3,500 ईसा पूर्व में शुरू हुई थी। इस समय कई प्राचीन सभ्यताएं प्याज पर निर्भर थी क्योंकि प्याज को कई तरह के मौसम और मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता था। मिस्रवासियों, बेबीलोनियों, हिंदू और प्राचीन चीनी सभ्यताओं के लिए भी प्याज उपयोगी रहा। इन सभी सभ्यताओं ने प्याज के औषधीय गुणों को सराहा और इसे ऊर्जा का एक महान स्रोत माना। प्याज इसलिए भी लोकप्रिय था क्योंकि इसे आसानी से सुखाया जा सकता था। साथ ही, प्याज को उस समय के लिए संभाल के रखा जा सकता था जब भोजन के अन्य स्रोत में कमी हो रही हो।
प्याज का हाल ही में दर्ज हुआ इतिहास 400 ईसा पूर्व से 301 ईसा पूर्व का है। इस अवधि में मिस्र में पिरामिडों में काम करने वाले मजदूरों को ताकत के लिए प्याज खिलाया जाता था।
बहुत से फायदे होने की वजह से प्याज कई प्राचीन सभ्यताओं के धार्मिक समारोहों में भी प्रवेश कर गया था। मिस्र में प्याज को अनंत काल का प्रतीक माना जाता था। जिसके कारण वहाँ के दफन समारोहों में प्याज का इस्तेमाल होने लगा था। मिस्रवासियों ने प्याज की चक्र-में-चक्र संरचना को अनंत जीवन के रूप में देखा था। इसीलिए वहाँ के पिरामिडों, मकबरों और अन्य संरचनाओं की दीवारों पर प्याज के चित्र बनाए गए थे। इसके साथ ही, उन्होंने अपने भोजन में, दावतों में और भगवान पर चढ़ाने के लिए प्याज का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। मिस्र की प्रसिद्ध ममीकरण प्रक्रिया में भी प्याज का उपयोग किया जाता था।
प्राचीन समय के ग्रीस में प्याज का इस्तेमाल चिकित्सकों, सैनिकों और एथलीट द्वारा किया जाता था। यह माना जाता था कि प्याज उन्हेंं देवताओं की ताकत देता है। रोम के लोगों ने भी बड़ी मात्रा में प्याज का सेवन किया और उसे स्पेन, बाल्कन, मध्य यूरोप के अधिकांश हिस्से और इंग्लैंड ले गए। रोमन साम्राज्य के पतन के बाद, सेम, गोभी और प्याज जैसी सब्जियां यूरोपीय आबादी के भोजन के मुख्य स्रोत बन गए थे। उस समय प्याज का उपयोग भोजन और औषधीय उपचार दोनों के रूप में किया जाता था और अक्सर प्याज को पैसों से अधिक महत्वपूर्ण माना जाता था। हालांकि नए व्यापार मार्गों के बनते ही, प्याज को दुनिया के चारों कोनों में ले जाया गया।
भारत में प्याज का इतिहास
थोड़ी लोकप्रियता मिलते ही प्याज का जिक्र मानव इतिहास के अभिलेखों में भी होने लगा। दूसरी शताब्दी ईस्वी और तीसरी शताब्दी ईस्वी के बीच आयुर्वेद पर लिखी गई एक पुस्तक “चरक संहिता” में कहा गया था कि प्याज हृदय, जोड़ और पाचन संबंधी विभिन्न बीमारियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपचारों में से एक है। पुराने जमाने की एक कहावत के अनुसार – “प्याज का सेवन मनुष्य को स्वस्थ, बलवान और ऊर्जावान बनाता है। साथ ही इससे उनकी आवाज मधुर हो जाती है और त्वचा चमकदार हो जाती है।”
आयुर्वेद के पिता माने जाने वाले, चरक ने 2,000 साल पहले प्याज को एक उपचारात्मक सब्जी के रूप में प्रकाशित किया था। हालांकि, चार सदियों बाद, अन्य आयुर्वेदिक ग्रंथों ने प्याज को ‘तामसिक’ भोजन करार दिया, जो कि सुस्ती और वासना को प्रेरित करता था।
मुगल काल के दौरान प्याज उच्च वर्ग के व्यंजनों का हिस्सा बन गया था। उस समय शाही रसोईयों में प्याज का इस्तेमाल किया जाता था। चावल और मांस के व्यंजन, कबाब और कोरमा उच्च वर्गों की पाक संस्कृति की पहचान बन गए थे। इन सभी व्यंजनों को प्याज से सजाया जाता था। प्याज की सुगंध जल्द ही शाही दीवारों से परे आम जनता तक पहुंच गई। इसके साथ ही प्याज ने भारतीयों के दिलों में अपनी जगह बना ली थी।
मुगलों के आने के बाद, सन 1526 और 1556 के बीच प्याज मुख्य रूप से उभर कर आया था। उससे पहले भारत अदरक-आधारित आहार पर निर्भर था, प्याज और लहसुन लगभग ना के बराबर इस्तेमाल किए जाते थे।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी प्याज की अहम भूमिका रही है। इस कहानी की शुरुआत हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से होती है। भले ही उनका जन्म वैश्य परिवार में हुआ था, फिर भी उन्हें कटु स्वाद वाली सब्जी यानी कि प्याज से बेहद लगाव था। सुभाष चंद्र बोस को भेजे गए एक पत्र में उन्होंने प्याज और अदरक के स्वास्थ्य लाभों के बारें में बताया था। उन्होंने वैष्णव संप्रदाय में इन दोनों सब्ज़ियों को लेकर हो रहे पक्षपात का कारण उनकी तेज़ गंध को बताया था। उन्होंने यह भी कहा कि आयुर्वेद में इन दोनों सब्ज़ियों की प्रशंसा की गई है। साथ ही चिंता जताई कि ‘मुझे नहीं पता बिना लहसुन और प्याज के गांव के लोग क्या करेंगे”, क्योंकि गरीबों के पास ऐसी सामग्री नहीं थी जिससे कि वह अपने भोजन को स्वादिष्ट बना सके।
दुनिया भर में इतने समृद्ध इतिहास के साथ प्याज आधुनिक भारतीय अर्थव्यवस्था में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चीन के बाद भारत दुनिया में प्याज का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत में सबसे अधिक प्याज का उत्पादन महाराष्ट्र (7105.23 हज़ार टन) में होता है और उसके बाद मध्य प्रदेश (3356.93 हज़ार टन), कर्नाटक (2903.42 हज़ार टन), राजस्थान (1107.84 हज़ार टन) और गुजरात (1085.96 हज़ार टन) में। दुनिया में भारतीय प्याज की भारी मांग है और वित्त वर्ष 2021 में भारत ने लगभग 1.5 मिलियन मीट्रिक टन का निर्यात किया था।
जैसा कि आपने अभी देखा, प्याज का एक बहुत ही बेहतरीन इतिहास है। हमें उम्मीद है कि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगा होगा। कृपया अपने कमेंट और प्रतिक्रिया नीचे साझा करें, और बीजक के विशेषज्ञों के नए ब्लॉग के लिए हमारे साथ बने रहें। बीजक भारत का सबसे भरोसेमंद एग्रीट्रेडिंग ऐप है जो किसान, कमीशन एजेंट और सप्लायर को 100 से अधिक उत्पाद में व्यापार करने के लिए एक साथ लाता है। आप हमारे ऐप को Google Playstore और Apple App Store से भी डाउनलोड करके ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।